जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच विवाद में नई-नई चीजें सामने आ रही हैं। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा की सरकारी मीडिया ने भारतीय राजनयिक के खिलाफ ‘पुख्ता सबूत’ होने का दावा किया है। मीडिया रिपोर्ट में यह दावा सरकारी सूत्रों के हवाले से किया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रूडो सरकार के आदेश पर कनाडा में भारतीय राजनयिक कर्मियों की जासूसी की जा रही थी?
कनाडा पीएम ने लगाया था आरोप
इससे पहले कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के ‘संभावित लिंक’ की बात कही थी। आशंका है कि ट्रूडो का आरोप भारत के राजनयिक कर्मियों से जुड़े कम्युनिकेशन से जुड़े खुफिया जानकारी पर आधारित हो। हालांकि, भारत ने आरोपों का जवाब नहीं दिया, लेकिन खुफिया सूत्रों ने कहा कि इस दावे की गहन जांच होनी चाहिए। इससे यह पता लगाया जा सके कि क्या स्थानीय कानून प्रवर्तन की तरफ से भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को अवैध निगरानी में रखने के लिए अनधिकृत उपकरणों का इस्तेमाल किया गया था।
फोन टैप करना कन्वेंशन के खिलाफ
हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि चूंकि राजनयिकों के मोबाइल फोन टैप करना वियना कन्वेंशन के खिलाफ है। इसलिए बातचीत को टैप करने के लिए ‘ऑफ द एयर’ जैसे एडवांस निगरानी उपकरण या सेल-साइट सिम्युलेटर और आईएमएसआई कैचर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
एक सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने बताया कि ट्रोजन, जिसे यूजर की ओर से सक्रिय करने के लिए जीरो-क्लिक या एक-क्लिक की आवश्यकता होती है, का उपयोग कंप्यूटर के जरिये ऐसी गुप्त जासूसी में भी किया जाता है ताकि टारगेट डिवाइस को कंट्रोल किया जा सके। दूसरी तरफ, निज्जर के परिवार ने यह खुलासा किया कि वह हर हफ्ते कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा अधिकारियों से मिलता था। इस खुलासे ने ट्रूडो की तरफ से शुरू किए गए टकराव में साजिश का एक और प्वाइंट जोड़ दिया है।
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आखिर क्या चाहते हैं ट्रूडो?
किसी भी मामले में, अधिकारी ट्रूडो के आरोप और उनकी मांग के बीच तालमेल नहीं होने से हैरान थे। ट्रूडो एक तरफ भारत से सहयोग मांग रहे हैं, दूसरी तरफ ‘संभावित लिंक’ के बारे में सबूत साझा करने में उनकी अनिच्छा है। यहां तक कि जब उन्होंने अवैध जासूसी का मुद्दा उठाया, तो खुफिया अधिकारियों ने इस सुझाव का मजाक उड़ाया कि भारतीय राजनयिक हत्या की साजिश का हिस्सा थे। एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने कहा कि भारत के दूतावास के अधिकारी, विदेश में अपने प्रतिनिधियों से पूरी ईमानदारी बरतने की बात तो छोड़ ही दें, ऐसे कार्यों में कभी भी शामिल नहीं होंगे।
कनाडा मीडिया में क्या है दावा?
इंटेलिजेंस कम्युनिटी के सूत्रों ने कहा कि कनाडाई खुफिया जानकारी, अधिक से अधिक, निज्जर की हत्या के मद्देनजर भारतीय दूतावास के कर्मचारियों के बीच कुछ झगड़े के बारे में हो सकती है, जिसकी अवैध रूप से जासूसी की गई थी। अधिकारियों ने समाचार रिपोर्टों के उस हिस्से पर प्रकाश डाला जिसमें कनाडाई अधिकारियों के हवाले से कहा गया था कि जानकारी सिग्नल इंटेलिजेंस के रूप में थी।