Tuesday - 29 October 2024 - 2:34 AM

14 न्यूज़ एंकरों के बहिष्कार पर छिड़ी जंग, जानें मीडिया से लेकर नेता तक किसने क्या कहा

जुबिली न्यूज डेस्क

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने गुरुवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए उन 14 टीवी एंकरों की एक सूची जारी की है, जिनके प्रोग्राम में उनका प्रतिनिधि नहीं जाएगा. गठबंधन ने कहा है कि उसने ‘नफ़रत भरे’ न्यूज़ डिबेट चलाने वाले इन टीवी एंकरों के कार्यक्रमों का बहिष्कार का फ़ैसला किया है.

इस फ़ैसले का एलान करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ”हर शाम पाँच बचे कुछ चैनलों पर नफ़रत का बाज़ार सज जाता है. पिछल नौ साल से यही चल रहा है. अलग-अलग पार्टियों के कुछ प्रवक्ता इन बाज़ारों में जाते हैं. कुछ एक्सपर्ट जाते हैं, कुछ विश्लेषक जाते हैं…..लेकिन सच तो ये है कि हम सब वहां उस नफ़रत बाज़ार में ग्राहक के तौर पर जाते हैं.

कुछ न्यूज़ एंकरों व बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी

न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एंड डिज़िटल एसोसिएशन (एनबीडीए), कुछ न्यूज़ एंकरों और बीजेपी ने ‘इंडिया’ गठबंधन के इस फ़ेसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.

एनबीडीए के अध्यक्ष अविनाश पांडे

एबीपी नेटवर्क के सीईओ और एनबीडीए के अध्यक्ष अविनाश पांडे ने इस फ़ैसले पर कहा, ”यह फ़ैसला मीडिया का गला घोंटने जैसा है. जो गठबंधन लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करता है वो इसे ख़त्म करता दिख रहा है. लेकिन हम अपने हर शो में सभी को बुलाएंगे.’’

एनबीडीए ने कही ये बात 

एनबीडीए ने कहा है कि संगठन को इंडिया गठबंधन के इस फ़ैसले से काफ़ी पीड़ा हुई है और वो इसे लेकर चिंतित है. उसने कहा है कि इस फ़ैसले ने एक ख़तरनाक मिसाल पेश की है. एनबीडीए ने कहा है,”विपक्षी गठबंधन के प्रतिनिधियों को भारत के कुछ शीर्ष टीवी न्यूज़ एंकरों के कार्यक्रम में जाने से रोकना लोकतांत्रिक मूल्यों के ख़िलाफ़ है. ये असहिष्णुता का संकेत है और प्रेस की स्वतंत्रता को ख़तरे में डालता है. विपक्षी गठबंधन ख़ुद को बहुलता और स्वतंत्र प्रेस का हिमायती बताता है लेकिन उसका ये फ़ैसला लोकतंत्र के मूल सिद्धांत पर चोट करता है.

सुप्रिय प्रसाद ने क्या कहा

न्यूज़ चैनल आजतक, इंडिया टुडे और जीएनटी के न्यूज़ डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद ने ट्विटर पर इस फ़ैसले का विरोध करते हुए लिखा है, ‘’मैं इस निरंकुश क़दम’’ की कड़ी निंदा करता हूं. इस एकतरफ़ा क़दम को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.’’न्यूज़ चैनल ‘आज तक’ के एक प्रमुख न्यूज़ एंकर सुधीर चौधरी ने ने कहा, ”इंडिया गठबंधन के सामने जो पत्रकार और न्यूज़ एंकर डटकर खड़े रहे, जिन्होंने चरण चुबंक बनने से इनकार कर दिया, अब उनका बहिष्कार होगा. लगभग आधे भारत में इस गठबंधन की सरकारें हैं. जब लालच,पुरस्कार और एफआई भी काम नहीं आये तो अब बहिष्कार. भारत के मीडिया को अब पूरी ताक़त और एकता के साथ इसका जवाब देना चाहिए. ये बहुत ख़तरनाक स्थिति है.”

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा

‘इंडिया’ गठबंधन के इस फ़ैसले की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा, ”न्यूज़ एंकरों की इस तरह लिस्ट जारी करना नाजियों के काम करने का तरीक़ा है, जिसमें ये तय किया जाता है कि किसको निशाना बनाना है. अब भी इन पार्टियों के अंदर इमरजेंसी के वक़्त की मानसिकता बनी हुई है.” उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा, ”पंडित नेहरू ने फ्री स्पीच को कमज़ोर किया. इंदिरा जी इस तरह के काम करने की गोल्ड मेडलिस्ट थीं. राजीव जी ने मीडिया को काबू करने की कोशिश की लेकिन बुरी तरह नाकाम रहे. सोनिया जी के नेतृत्व वाला यूपीए गठबधन सोशल मीडिया हैंडल्स को प्रतिबंधित कर रहा था सिर्फ इस वजह से कि कांग्रेस को उनके विचार पसंद नहीं थे.”

न्यूज़ एंकर रुबिका लियाक़त

लोकप्रिय न्यूज़ एंकर रुबिका लियाक़त ने इंडिया गठबंधन के बहिष्कार की लिस्ट में अपना नाम पर होने पर लिखा है, ”इसे बैन करना नहीं, इसे डरना कहते हैं. इसे पत्रकारों का बहिष्कार नहीं सवालों से भागना कहते हैं. आपको आदत है, हाँ में हाँ मिलाने वालों की. वो न कल किया था न आगे करूँगी. बैन लगाने की हिम्मत उन नेताओं पर लगाइए जो मुहब्बत की दुकान में कूट कूट कर भरी नफ़रत परोस रहे हैं. सवाल बेलौस थे, हैं और आगे भी रहेंगे. जय हिंद.

प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटर पर लिखा

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटर पर लिखा, सालों नहीं तो कुछ महीनों तक तो बीजेपी एनडीटीवी (अदानी युग से पहले) का बहिष्कार करती रही. उस समय उन्हें ये दर्द सुनाई नहीं पड़ा. पिछले कई सालों से कुछ ‘पत्रकार’ विभाजनकारी, नफ़रत से भरे प्रोग्राम चलाते रहे. इनके नतीजे साफ़ तौर पर दिखे. उस समय किसी ने ये निर्देश नहीं पढ़े थे?

उन्होंने लिखा, ”पिछले कई सालों से टीवी न्यूज़टेनमेंट मीडिया बराबरी का मौक़ा देने से इनकार करता रहा. उस समय उन्हें अपने इस क़दम के विरोध की आवाज़ सुनाई नहीं पड़ी. ”लेकिन ‘इंडिया’ ने अब ऐसे डिबेट शो में हिस्सा न लेने का तय किया है क्योंकि प्रेस की आज़ादी खतरे में हैं.”

एनडीटीवी के एंकर रहे रवीश कुमार

एनडीटीवी के एंकर रहे रवीश कुमार ने भी ट्विटर पर इस फ़ैसले पर टिप्पणी करते हुए लिखा, ”सात साल बहिष्कार झेला है. सात घंटे भी नहीं हुए. ऐसा लग रहा है कल प्रधानमंत्री पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ही देंगे. प्रेस की आज़ादी की रक्षा के लिए. जहाँ ये सारे लोग सवाल पूछते नज़र आएँगे. उसके बाद ये सारे लोग सना इरशाद मट्टू से इसके लिए (तस्वीर देखें) माफ़ी माँगने भी जाएँगे. उन्होंने लिखा, ”फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी के मारे जाने के बाद दो शब्द नहीं कहा गया. किसने नहीं कहा, क्या आप उनका नाम जानते हैं? मनदीप पुनिया का पेज रोकने के लिए नोटिस किस सरकार ने भेजा था? क्या नाम जानते हैं? गोदी मीडिया भारत के लोकतंत्र के लिए ख़तरा है. विपक्ष को अपनी हर रैली में जनता को बताना चाहिए. अगर वह यह काम नहीं करता है तो लोकतंत्र के भविष्य को लेकर गंभीर नहीं है.’

वरिष्ठ पत्रकार प्रणंजय गुहा ठाकुरता

वरिष्ठ पत्रकार प्रणंजय गुहा ठाकुरता ने इंडिया के फैसले पर एनबीडीए के बयान को ट्वीट करने वाले वरिष्ठ पत्रकार राहुल कंवल के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘’क्या आप इस लिस्ट में ख़ुद को न पाकर ख़ुश हैं या दुखी हैं. क्या ये मामला वैसा ही है, जिसमें एक गुनहगार को दूसरे को गुनहगार ठहरा रहा है.’’

वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष ने ट्विटर लिखा

वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष ने ट्विटर लिखा, ”राजनीतिक नेताओं के एक समूह का कुछ पत्रकारों से टक्कर लेना ( ठीक है, पत्रकार नहीं बेहद घटिया दर्जे के प्रॉपेगैंडिस्ट) एक जबरदस्त उदाहरण पेश कर रहा है. अच्छा है कि इस तरह के चैनलों से पूरी तरह दूर रह कर उनके पैसे के स्रोत को बंद कर दिया जाए. आख़िरकार देश के कई राज्यों में ‘इंडिया’ का शासन है ही. क्यों न उनके विज्ञापन बंद कर दिए जाएं.’

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राजनीति विज्ञानी सुहास पलशीकर

इंडिया गठबंधन के इस फैसले पर कुछ प्रबुद्ध लोगों ने भी टिप्पणी की है. राजनीति विज्ञानी सुहास पलशीकर ने ट्विटर पर लिखा, ”इस तरह का चुनिंदा मीडिया बहिष्कार दुविधा और अपशकुन दोनों की निशानी है. दुविधा इसलिए कि जिन चैनलों या एंकरों का बहिष्कार किया जाना है वे बड़ी तादाद में लोगों की ओर से देखे जाते हैं. जनता के सामने दिखना राजनीतिक नेताओं के लिए ऑक्सीजन की तरह है. इस तरह के बहिष्कार से उनके लिए ये ऑक्सीजन ख़त्म हो जाएगा.”

शायद पहली बार है, जब विपक्षी दलों ने टीवी एंकरों के ख़िलाफ़ ऐसा किया है. सूत्रों के मुताबिक़ कुछ टीवी चैनलों का पूरी तरह से बहिष्कार करने का फैसला किया है गया है और कुछ चैनलों का सिर्फ एंकर्स का. गठबंधन की ओर से उन 14 एंकरों की सूची जारी कर दी गई है, जिनके प्रोग्राम इसके नेताओं ने जाने का फैसला किया है.

ये एंकर हैं- अदिति त्यागी, अमन चोपड़ा, अमीश देवगन, आनंद नरसिम्हन, अर्णब गोस्वामी, अशोक श्रीवास्तव, चित्रा त्रिपाठी, गौरव सावंत, नाविका कुमार, प्राची पाराशर, रुबिका लियाकत, शिव अरूर, सुधीर चौधरी,और सुशांत सिन्हा.

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