जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ी खबर आ रही है। दरअसल कर्नाटक में बीजेपी ने बड़ा कदम उठा सकती है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस ( I.N.D.I.A.) दोनों लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे हुए है।
इस वजह से राजनीतिक दल सियासी समीकरण को ठीक करने में जुट गए है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब कर्नाटक को लेकर बड़ा फैसला ले रही है।
जानकारी मिल रही है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल (सेक्यूलर) के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। अगर बात बन जाती है तो कर्नाटक में दोनों एक साथ लोकसभा चुनाव लड़ सकते है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा की गठबंधन को लेकर गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपीअध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ न सिर्फ बातचीत हुई है बल्कि मुलाकात भी हो चुकी है।
कहा जा रहा है दोनों के बीच बातचीत अच्छी रही है और बीजेपी, जेडीएस के साथ गठबंधन पर सैद्धांतिक रूप से सहमत है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने जेडीएस से गठबंधन को लेकर अपनी चुप्पी भी तोड़ी है। बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि “मुझे प्रसन्नता है कि देवगौड़ाजी हमारे प्रधानमंत्री से मिले और वे पहले ही करीब चार सीटों पर फाइनलाइज कर चुके हैं। मैं उनका स्वागत करता हूं।
हालाँकि जेडीएस ने बीजेपी से पांच सीटें मांगी है। उनमे मांड्या, हासन, तुमाकुरु, चिकबल्लापुर और बेंगलुरु ग्रामीण लोकसभा शामिल है।
चिकबल्लापुर लोकसभा सीट छोड़ दें तो बाकी की चारों सीटें ऐसी हैं जहां से देवगौड़ा या देवगौड़ा के परिवार का कोई न कोई सदस्य चुनाव मैदान में उतरता रहा है। गठबंधन की स्थिति में दोनों ही दल एक दूसरे को कितना फैयदा पहुंचते है। अब सवाल है कि बीजेपी को लोकसभा चुनाव से पहले जेडीएस से मिलकर कर्नाटक में चुनाव लड़ने का फैसला क्यों करना पड़।