जुबिली न्यूज डेस्क
चंद्रयान-3 को लेकर काफी चर्चा चल रही है. चंद्रयान-3 इतिहास बनाने से अब महज़ कुछ ही घंटे दूर है. निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक़ 23 अगस्त को शाम पांच बजे के बाद इसरो चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतारने की तैयारी कर रहा है. वहीं चंद्रयान-3 को लेकर कई चर्चाए सामने आई है, कहा जा रहा है कि एलियन चंद्रयान-3 की लैडिंग बाधा डाल सकते हैं.
बता दे कि सोशल मीडिया पर लूना-25 के क्रैश होने के बाद भी ये खबर सामने आई थी कि एलियन की वजह से लूना-25 कैश हो गया है. एलियन ने लूना-25 के पहुंचते ही हमला बोल दिया था. जिसकी वजह से लूना-25 क्रैश हो गया.
वहीं ये भी कहा जा रहा है कि क्या भारत के चंद्रयान-3 पर भी एलियन हमला बोल सकते हैं. खबरों की मानें तो इसरो को चंद्रयान-3 से एक अंजान सिगल मिला है जो काफी हैरान करने वाला है. चंद्रयान-3 जहां लैंड करने वाला है बताया जा रहा है कि 5 किमी की दूरी पर यह सिगनल प्राप्त हुआ है. एस्ट्रोनॉट का कहना है कि जबतक ये सिगनल मिलता रहेगा तबतक चंद्रयान-3 को लैंड कराना मुश्किल हो सकता है. वहीं दुनिया भर की तमाम एजेंसियों से पता किया गया तो सबने इसे मामले से इंकार कर दिया. जिसके बाद ये कयास लगाया जा रहा है कि कहीं ये सिगनल एलियंस का तो नहीं है.
एलियन ने इसको को भेजा सिगनल
वर्षों से चंद्रमा का दक्षिणी छोड़ अपने रहस्यमय अंधेरों से डराता रहा है. ऐसे में वहां एलियंस के होने के पूरे चांस है. कहा जा रहा है कि जब इसरो ने नाशा से एस सिगनल के बारें में पूछा तो इसने जांच के बाद जो बताया वो काफी हैरान करने वाला है. नासा ने कहा कि 1970 व 90 के बीच ऐसा ही सिगनल मिला था जो एलियंस के होने का सिगनल है. जिसके बाद से एलियंस को लेकर काफी चर्चा हो रही हैं, कहा जा रहा है कि क्या एलियन चंद्रयान- को धमकी दे रहा है.
इससे पहले भी इसे लेकर कई बाते सामने आई है. दुनिया के दो सबसे प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री, नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन दोनों ने कथित तौर पर दावा किया है कि चंद्रमा की ओर जाते समय उन्होंने एक यूएफओ देखा था. वहीं उस यूएफओ ने उनका पीछा किया. अपोलो 11 मिशन के नायक, दोनों ने अतीत में अज्ञात वस्तुओं पर चर्चा की थी जो उन्होंने चंद्रमा के रास्ते में अंतरिक्ष के माध्यम से अपनी यात्रा के दौरान देखी थी.
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2007 में, लैरी किंग लाइव पर, एल्ड्रिन ने कहा कि उन्हें लगा कि यह “ऊपरी चरण से अंतरिक्ष यान के अलग होने के पैनल में से एक है.” इस बीच, आर्मस्ट्रांग, जिनका 2012 में निधन हो गया था, पर आरोप है कि उन्होंने दूसरे की जानकारी के माध्यम से अपने स्वयं के दावे किए.अब देखना ये है कि चंद्रयान-3 बिना रूकावट के लैंड करता है या सच में एलियन इसे रोकते है.
40 दिनों की लंबी यात्रा के बाद चंद्रयान-3 का लैंडर सतह पर उतरने की तैयारी करेगा. लेकिन इसकी सबसे अहम प्रक्रिया लैंडिंग की है, जो बहुत नाज़ुक और जटिल है.इसमें सबसे अहम अंतिम 15 मिनट होते हैं. चंद्रयान -2 की लॉन्चिंग में यही 15 मिनट अहम साबित हुए थे और तब इसरो के अध्यक्ष रहे के. सिवन ने मिशन की नाकामी को 15 मिनट का आतंक बताया था.
2019 में चंद्रयान- 2 की लॉन्चिंग में लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा की सतह पर 2.1 किमी की ऊंचाई तक पहुंच गया था, यहां तक तो सब कुछ ठीक रहा, लेकिन इसके बाद एक छोटी सी तकनीकी गड़बड़ी के कारण लैंडर मॉड्यूल क्रैश हो गया.