जुबिली स्पेशल डेस्क
शरद पवार की पार्टी एनसीपी में इस वक्त घमासान मचा हुआ है। चाचा से बगावत करने वाले अजित पवार पूरी तरह से फॉर्म में है और लगाातर शरद पवार को कमजोर करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
दो जुलाई को एकाएक अजित पवार ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर शरद पवार को बगैर बताये बीजेपी से जा मिले। इतना ही नहीं शिंदे सरकार को समर्थन देते हुए सरकार में शामिल हो गए और उप मुख्यमंत्री जा बैठे। उनके आलावा एनसीपी के कई और लोगों को मंत्री बनाया गया है।
उधर आनन-फानन में शरद पवार को अजित पवार की इस हरकत पर गहरा झटका लगा है। अब एनसीपी पर अपना हक जमाने में अजित पवार ने देर नहीं की और शरद पवार को अजित पवार ने पार्टी अध्यक्ष से ‘बेदखल’, करने का कदम उठा लिया है। हालांकि तीन दिन पहले कहा था कि चाचा ही चीफ रहेंगे लेकिन अब उन्होंने शरद पवार को हटा दिया है और खुद एनसीपी का नया अध्यक्ष घोषित कर दिया है।
एनसीपी की सियासी जंग अब अहम मोड पर आ गई है। अब अजित पवार गुट ने शरद पवार को एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया है और अजित पवार को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है। मामला यहीं पर खत्म नहीं हुुआ उन्होंने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में इस बात का जिक्र किया है।
इसके आलावा पार्टी चुनाव चिन्ह पर भी अपना हक जमाया है। स्थानीय मीडिया की माने तो बीती 30 जून को एनसीपी के 40 विधायकों के समर्थन का पत्र के साथ ही अजित पवार को एनसीपी के अध्यक्ष बनाने की जानकारी चुनाव आयोग को भेजी गई थी। जो केंद्रीय चुनाव आयोग को 5 जुलाई को मिली। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या फैसला लेता है।