जुबिली न्यूज डेस्क
रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के मालिक येवगेनी प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्री के खिलाफ बगावत कर दी है। प्रिगोझिन ने रूसी सेना के मुख्यालय रोस्तोव-ऑन-डॉन पर कब्जे के लिए अपने लड़ाकों को भी भेजने की बात कही है। वहीं येवगेनी प्रिगोझिन की बगावत के बाद रूसी रक्षा मंत्रालय ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी है और प्रगोझिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।
एक समय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का सबसे खास रहा येवगेनी प्रिगोझिन अब खुलकर रूसी नेतृत्व पर सवाल उठा रहा है। आइए जानते हैं कि प्रिगोझिन कौन है और कैसे एक हॉट डॉग का स्टॉल लगाने से शुरुआत कर एक प्राइवेट आर्मी का मुखिया कैसे बन गया।
नौ साल जेल में बिताए
येवगेनी प्रिगोझिन का जन्म साल 1961 में लेनिनग्राड में हुआ था। लेनिनग्राड को आज हम सेंट पीट्सबर्ग के नाम से जानते हैं। साल 1981 में येवगेनी को मारपीट, डकैती और धोखाधड़ी का दोषी पाए जाने पर 13 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि सोवियत यूनियन के पतन के बाद येवगेनी को 9 साल की सजा के बाद ही रिहा कर दिया गया था।
हॉट डॉग का स्टॉल लगाया
जेल से बाहर आने के बाद येवगेनी ने एक छोटा सा बिजनेस शुरू किया और हॉट डॉग का स्टॉल लगाया। इसके बाद येवगेनी ने एक रेस्तरां खोला। जल्द ही येवगेनी का रेस्तरां काफी प्रसिद्ध हो गया। येवगेनी के रेस्तरां की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि खुद रूसी राष्ट्रपति पुतिन विदेशी मेहमानों को इस रेस्तरां में खाना खिलाने ले जाने लगे। इस तरह येवगेनी रूसी राष्ट्रपति पुतिन के करीब आया।
कैटरिंग के बिजनेस से सेना में बनाई पकड़
पुतिन से करीबी का फायदा उठाकर येवगेनी प्रिगोझिन ने कैटरिंग का बिजनेस शुरू किया और वह रूसी सेना और स्कूली बच्चों को खाना खिलाने के सरकारी ठेके लेने लगा। इसी के चलते येवगेनी की पहचान पुतिन के रसोइए के रूप में हो गई। कैटरिंग के बिजनेस से येवगेनी प्रिगोझिन ने खूब पैसा कमाया।
प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप को किया तैयार
येवगेनी प्रिगोझिन ने ही रूसी सेना के समर्थन से एक प्राइवेट आर्मी बनाई, जिसे वैगनर ग्रुप का नाम दिया गया। इस प्राइवेट आर्मी में रिटायर्ड सैन्य अधिकारी, जवानों को शामिल किया गया। आरोप लगे कि वैगनर ग्रुप में अपराधियों को भी शामिल किया गया। वैगनर ग्रुप को क्रैमलिन का भी समर्थन मिला। आरोप है कि वैगनर ग्रुप सीरिया, लीबिया, माली और सेंट्रल अफ्रीकी देशों में भी क्रूर मिशनों को अंजाम दे चुका है।
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जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो वैगनर ग्रुप के लड़ाकों को ही अग्रिम मोर्चे पर तैनात किया गया। वैगनर ग्रुप के बढ़ते दबदबे के चलते ही येवगेनी प्रिगोझिन का भी रूस के शीर्ष नेतृत्व में दबदबा भी बढ़ा है और प्रिगोझिन को पुतिन के अगले उत्तराधिकारी के रूप में भी देखा जाने लगा था।
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हालांकि यूक्रेन युद्ध ने हालात बदल दिए हैं। एक समय पुतिन का सबसे खास प्रिगोझिन आज आलोचक बनकर उभरा है। प्रिगोझिन कई बार रूसी रक्षा मंत्रालय के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी कर चुका है। अब बगावत का बिगुल फूंककर प्रिगोझिन ने अपने साथ-साथ पुतिन की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।