जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों कांग्रेस से समर्थन मांग रहे हैं। दरअसल केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन को लेकर कांग्रेस से मदद चाहते हैं।
हालांकि कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। दूसरी तरफ केजरीवाल तमाम विपक्ष के नेताओं से मिलकर समर्थन मांग रहे हैं। हालांकि लगभग सभी विपक्षी दलों ने उनको भरोसा दिलाया लेकिन अभी तक कांग्रेस ने अपनी स्थिति साफ नहीं की है वो समर्थन देंगी या नहीं।
इतना ही नहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन को लेकर कांग्रेस को तीन बार संदेशा भेजवा चुके हैं लेकिन कांग्रेस की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे पहले भी आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगा था। इसके आलावा केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए लगातार विपक्षी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं।
इससे पहले गुरुवार को दक्षिण में कांग्रेस के सहयोगी डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात समर्थन मांगा है।
केजरीवाल ने इस बैठक के बाद कहा कि मैं सीएम स्टालिन को इतने गर्मजोशी से स्वागत के लिए धन्यवाद देता हूं। इस अलोकतांत्रिक अध्यादेश के खिलाफ हमारा समर्थन करने के लिए एमके स्टालिन जी का धन्यवाद करता हूं। मैंने मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा है, लेकिन अभी उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।
केजरीवाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कांग्रेस भी इस अलोकतांत्रिक अध्यादेश के खिलाफ हमारा समर्थन करेगी. 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एक संयुक्त विपक्ष की चर्चा पर निर्धारित बैठक में काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 8 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद। दिल्ली ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ जीत हासिल की, जिसमें निर्वाचित सरकार को नौकरशाहों पर पूर्ण नियंत्रण दिया गया।