- भविष्य में ओलंपिक मेडल को करना है मुट्ठी में
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ/गौतमबुद्ध नगर/नई दिल्ली। पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट भाई मनीष नरवाल को पदक लाते देख कर खेलो की दुनिया मे कदम रखने वाली शिखा नरवाल भविष्य में ओलंपिक पदक को अपनी मुट्ठी में करना चाहती है।
शिखा इन दिनों कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में चल रहे “खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, उत्तर प्रदेश 2022” में न केवल हिस्सा ले रही है बल्कि 10 मीटर एयर पिस्टल में सिल्वर मेडल भी जीता है। वह यहाँ पर महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व कर रही है।
भाई के पैरालंपिक मेडलिस्ट होने की वजह से शिखा के ऊपर भी अदृश्य रूप से एक प्रेसर है,बेहतर खेलने का। यह प्रेसर घर वालो की तरफ से नही है क्योंकि भाई को पता है कि यह खेल किस तरह का है और इसमें कितना मेहनत लगता है। फिर भी उन्हें लगता है कि कोई भी प्रतियोगिता हो प्रेसर रहता ही है।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में वह दूसरी ओर भागीदारी कर रही है। पहली बार कांस्य पदक जीता था और इस बार टीम श्रेणी में सिल्वर मेडल जीता है। उनका मानना है कि पिछली बार से इस बार का कम्पटीशन ज्यादा “टफ” हो गया है। इसलिए अब खिलाड़ियों को पहले की तुलना में बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूत है।
उन्होंने कहा कि अगर यूनिवर्सिटी लेवल पर इतना प्रेसर है तो फिर नेशनल और इंटरनेशनल में कितना ज्यादा दबाव खिलाड़ियों पर होता होगा। कुछ नए नियमों की वजह से भी खेल ज्यादा टफ हो गया है।
उन्हें अब महसूस होता है कि उनके पैरालंपिक मेडल विजेता भाई के ऊपर खेलते हुए कितना प्रेसर रहा होगा। फिर भी वह आशान्वित है और अपने भाई की तरह वह भी भविष्य में ओलम्पिक खेलो में पदक जीतेगी।