Tuesday - 29 October 2024 - 6:06 PM

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स : नीरज चोपड़ा के नक्शे कदम पर चल रहे है विक्रांत मलिक

  • खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022
  • विक्रांत मलिक ने चोट के बावजूद खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में स्वर्ण
  • दर्द की भी नहीं की परवाह, हासिल की लगातार तीसरी स्वर्णिम सफलता
  • खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स से मिलेगी करियर को नई उड़ान

लखनऊ। भारत जैसे देश में अगर कोई एथलीट स्वर्णिम सफलता हासिल कर लेता हैं तो वो कई युवा खिलाड़ियों को नया हौसला दे जाता है। टोक्यो ओलंपिक 2020 में भाला फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा अब कई युवा खिलाड़ियों के लिए एक रोल मॉडल बन गए है और कई शख्स उनके नक्शेकदम पर चलने की तैयारी कर रहे है।

इन्हीं में से एक नाम है केआईआईटी भुवनेश्वर के विक्रांत मलिक का जिन्होंने आज खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 में चोटिल होने के बावजूद जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

विक्रांत आज जब मैदान में उतरे तो 80 मीटर भाला फेंक सबको हैरान कर दिया। उन्होंने इसके साथ ही खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का नया रिकार्ड भी बना दिया। इससे पिछला रिकार्ड राममनोहर लोहिया के आर.नेहरा के नाम था जो उन्होंने 2022 में बनाया था।

हरियाणा के रहने वाले केआईआईटी यूनिवर्सिटी के विक्रांत मलिक ने आज मिली इस सफलता के साथ जेवलिन थ्रो में अपना लगातार तीसरा स्वर्ण पदक जीता है। उनकी यह सफलता इसलिए मायने रखती है कि वो एंकल इंजरी से पीड़ित थे और इसके चलते उन्होंने दोनों पैरो में अलग-अलग रंग के जूते पहन रखे थे।

हालांकि विक्रांत आज 85 मीटर का मार्क क्रास करना चाहते थे लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाए। विक्रांत के अनुसार मैने इस लक्ष्य के लिए अच्छी तैयारी की थी लेकिन मै अपने टखने की चोट के चलते ऐसा नहीं कर पाया जो मुझे पिछले एक माह से परेशान कर रही थी। हालांकि विक्रांत मलिक भी ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा के नक्शेकदम पर चलना चाहते है। नीरज की ही तरह विक्रांत मलिक अपने भाले को इतनी दूर फेंकना चाहते है जिसके बाद वो विश्व पटल पर तिरंगे के सामने खड़े होकर देश के लिए मेडल जीत सके।

विक्रांत मलिक ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में स्वर्ण जीतकर जैवलिन थ्रो खेल के प्रति एक अलग ही उत्साह पैदा कर दिया और देश के हजारों हजारों युवा अब इस खेल में उतरना चाहते हैं और देश का मान बढ़ाना चाहते हैं।

इसी वजह से हरियाणा के खेल जगत में एथलेटिक्स की एक अलग ही पहचान है। विक्रांत का गांव हरियाणा में भी नीरज चोपड़ा के गांव के बहुत करीब है। विक्रांत मलिक ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा कि नीरज चोपड़ा के गांव में अब कई शख्स बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वो जैवलिन थ्रो खेल में किस्मत आजमा रहे हैं और नीरज चोपड़ा से प्रभावित हैं और अब उनकी तरह ही बनना चाहते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि जिस तरह से नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता था ठीक वैसे ही वो भी देश के लिए पदक जीतना है। हालांकि वो मानते हैं ये सब इतना आसान नहीं है लेकिन इसके लिए वो कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

विक्रांत ने कहा कि मैं भी भारत के लिए पदक जीतना चाहता हूं और अपने देश का नाम रोशन करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए नीरज चोपड़ा से मदद लेते हैं। उन्होंने कहा कि जब भी मौका मिलता नीरज चोपड़ा से अपने खेल को लेकर बात करते हैं और नीरज हमे सलाह देते हैं और लगातार हमें प्रेरित भी करते रहते हैं।

विक्रांत के अनुसार मुझे आज बहुत तेज दर्द हुआ और मैं फिजियो से अपनी चोट की जांच कराने जाऊंगा क्योंकि जल्द ही एशियाई खेल और वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के ट्रायल होने वाले है।

बताते चले कि विक्रांत मलिक पिछले साल 80 मीटर बेंचमार्क (रोहित यादव, डीपी मनु और यशवीर सिंह के बाद) को तोड़ने वाले चौथे भारतीय थे और ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा की अगुवाई वाली लिस्ट में ओवरआल 10वें स्थान पर थे।

विक्रांत मलिक ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2022 के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ये गेम्स यूनिवर्सिटी से निकलने वाले खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन मंच साबित हो रहा है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com