जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव बिहार पहुंच गए है। इस वजह से बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। दरअसल लालू के पटना पहुंचने के कुछ देर बात नीतीश कुमार भी उनसे मिलने पहुंच गए।
इसके बाद से ही बिहार की सियासत में अटकलों का दौर तेज हो गया है। लालू अपनी खराब सेहत की वजह से भारतीय राजनीति में उतने सक्रिय नहीं है जितना पहले हुआ करते थे लेकिन आज भी लालू प्रसाद यादव किसी किंग मेकर की हैसियत जरूर रखते हैं।
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की सलाह पर नीतीश कुमार विपक्षी दलों की बैठक अगले महीने के उत्तरार्द्ध में बुलाने को तैयार हो गए हैं। इस वजह से लालू यादव और नीतीश कुमार की मुलाकात अहम मानी जार रही है। मीडिया में चर्चा चल रही है कि लालू चाहते हैं कि नीतीश कुमार दिल्ली की कुर्सी संभाले जबकि उनका बेटा तेजस्वी यादव बिहार की सत्ता की बागडौर अपने हाथों में ले। नीतीश कुमार भले ना-नुकुर करते रहें, लेकिन आरजेडी उन्हें विपक्ष का पीएम के तौर पेश करने का पूरा मन बनाती हुई नजर आ रही है।
आरजेडी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और लालू के बेहद करीबी जगदानंद सिंह कहते हैं, कि मैं बार-बार कह रहा हूं कि बिहार के लोग बिहारी पीएम देखना चाहते हैं और आज बिहार की तरफ से नीतीश उम्मीदवार हैं। आजादी से आज तक बिहार सत्ता परिवर्तन की लड़ाई लड़ता रहा है, लेकिन नेतृत्व का प्रयास नहीं किया।
आज बिहार पहली बार परिवर्तन और बिहारी पीएम की इच्छा के साथ आगे बढ़े रहा है। लालू प्रसाद तो यही बात 2012 और 2016 में भी कह चुके हैं।
बता दें कि बिहार में जब से फिर से लालू नीतीश साथ आये हैं तब से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। लालू-नीतीश 2024 चुनाव में अहम रोल अदा कर सकते हैं लेकिन ये देखना होगा कि अगर नीतीश बतौर पीएम चुनावी मैदान में उतारे जाते हैं तो कांग्रेस अगला कदम क्या उठाती है।