जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। सूरत की सेशंस कोर्ट से राहत ना मिलने के बाद राहुल गांधी ने मोदी उपनाम के मामले में गुजरात हाईकोर्ट की शरण में गए है। ऐसे में अब सबकी नजरे गुजराता हाईकोर्ट पर टिक गई है।
राहुल की तरफ से इस मामले में जल्द सुनवाई के लिए गुहार लगायी गई है। इस दौरान कोर्ट ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को रिकॉर्ड पर दस्तावेज पेश करने की दलील को मान लिया गया है और माना जा रहा है कि इस पूरे मामले पर दो मई को सुनवाई की जा सकती है।
कहा जा रहा है कि पांच मई को गुजरात हाईकोर्ट कोई फैसला ले सकता है। इसका बड़ा कारण है कि जज 5 मई के बाद देश से बाहर जा रहे हैं।
सिंघवी ने कोर्ट में कहा है कि अगर दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई गई तो मुझे उस अवधि के लिए चुनाव लडऩे से रोक दिया जाएगा, जो राजनीति में लगभग अर्ध-स्थायी है, यहां तक कि राजनीति में एक सप्ताह भी लंबा समय है, यहां चुनाव लडऩे से 8 साल की रोक लग रही है।
पूरा राजनीतिक करियर दांव पर लग जाएगा। यह कोई गंभीर अपराध नहीं है, मैंने कोई हत्या नहीं की है। मैं इस लायक नहीं हूं। कृपया ध्यान दिया जाए।
बता दे कि राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। मोदी सरनेम (उपनाम) को लेकर उनके खिलाफ चल रहे मानहानि केस में सूरत कोर्ट से उनका बड़ा झटका लगा था और दो साल की सजा सुनाई थी।
वहीं इस पूरे मामले पर लोकसभा सचिवालय ने भी बड़ा कदम उठाया था और उनको बड़ा झटका दिया था । जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दी गई थी । ये फैसला तब लिया गया है जब सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे ।
कांग्रेस की पूरी कोशिश है किसी तरह से राहुल गांधी को इस मामले से बाहर निकाला जाये। इसके लिए देश के जाने-माने कानून के जानकारों से भी राय ली जा रही है। दरअसल लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि जल्द से जल्दराहुल गांधी को इस पूरे मामले में राहत मिले।