जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से रिहाई मिल गई है लेकिन उनके जेल से बाहर आने के बाद से बिहार की सियासत में एक हलचल देखने को मिल रही है।
बता दें कि जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के केस में आनंद मोहन को उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन अब जेल मैनुअल में बदलाव के कारण उनको जेल से बाहर आने का मौका मिला है।
अभी तक इस मामले पर नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी थी लेकिन अब उन्होंने खुलकर इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। नीतीश कुमार ने कहा कि इतने लोगों को जेल से छुट्टी मिलती हैञ एक आदमी की रिहाई पर जो बात की जा रही है, हमको तो बड़ा आश्चर्य लग रहा है। इसमें कौन सी ऐसी बात है, ऐसा तो कुछ भी नहीं है।
इस बारे में राज्य के मुख्य सचिव ने कल ही सारी बात पहले ही बता दी थी। वहीं बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा था कि आनंद मोहन को कोई विशेष छूट नहीं दी गई है।
उनकी रिहाई भी जेल नियमों के अनुसार ही हुई है। बता दें कि इस पूरे मामले में नीतीश कुमार पर सवाल उठ रहा था और कहा जा रहा है कि उन्होंने चुनाव को ध्यान में रखकर पॉलिटिकल कार्ड खेला है।
नीतीश कुमार ने कहा कि कोई आइएएस ऑफिसर के साथ इस तरह के घटना घटी तो क्या आजीवन रहने के लिए कोई प्रावधान दिया गया है।
यह कौन राज्य में है? सीपीआईएमएल की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मांग का कोई मतलब नहीं है। यह किसी पार्टी की मांग नहीं बल्कि प्रावधान और नियम के लोगों को रिलीज किया जाता है।
यह कोई पॉलिटिकल चीज नहीं है। उन्होंने बीजेपी के विरोध पर सुशील कुमार मोदी और आनंद मोहन की फोटो दिखाते हुए कहा कि सुशील मोदी ने खुद आनंद मोहन की रिहाई की मांग की थी।