जुबिली न्यूज डेस्क
नेताओं का इस तरह से घोषित हिंदू राष्ट्र नेपाल का दौरा करना कुछ लोगों को अजीब लग सकता है लेकिन इन हाई प्रोफाइल दौरों ने सियासी हलचलों को काफी तेज कर दिया है। आखिर क्यों बीजेपी के नेता बार-बार नेपाल जा रहे हैं। दिलचस्प बात है कि कुछ सालों में नेपाल की करीबी कम्युनिस्ट देश चीन के साथ काफी बढ़ी है।
भगवा कपड़ो में ओली मिले चौथाईवाले से
विजय चौथाईवाले एक लेखक होने के साथ ही साथ बीजेपी की विदेश मामलों की समिति के मुखिया भी हैं। बताया जा रहा है कि उनकी यात्रा का मकसद नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की भारत यात्रा की तैयारियां करना है। प्रचंड अगले महीने यानी मई में भारत का दौरा कर सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो चौथाईवाले इस दौरे से जुड़ी ही तैयारियों के लिए नेपाल गए थे। वह सड़क मार्ग के जरिए नेपाल पहुंचे थे। चौथाईवाले ने पूर्व नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली से भी मुलाकात की। चीन के करीबी ओली ने चौथाईवाले से मुलाकात के समय भगवा रंग की शर्ट पहनी हुई थी। उनके शर्ट के रंग ने सोशल मीडिया यूजर्स को काफी हैरानी में डाल दिया।
कई हाई प्रोफाइल मीटिंग्स
नेपाल दौरे पर चौथाईवाले ने कई हाई प्रोफाइल मीटिंग्स कीं और फिर वह भारत लौट आए। वह यहां पर मानसखंड सम्मेलन में चीफ गेस्ट बनकर भी पहुंचे थे। इस सम्मेलन से इतर चौथाईवाले ने सत्ताधारी और विपक्षी नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने जो ट्वीट किया, वह उनके दौरे के बारे में बताने के लिए काफी है। उन्होंने लिखा, ‘मुलाकात के दौरान नेपाल के सभी नेताओं ने भारत के साथ मजबूत संबंधों और पार्टी स्तर पर संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया।
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बीबीसी की तरफ से आई एक रिपोर्ट के मुताबिक ओली और बाकी नेताओं के साथ मुलाकात के दौरान क्या बात हुई, इस बारे में कोई भी जानकारी मिल नहीं सकी है। चौथाईवाला ओली के अलावा दो और पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा और माधव कुमार नेपाल के साथ-साथ उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी मिले।
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‘बीजेपी को जानो’ कार्यक्रम
विशेषज्ञों के मुताबिक कई लोग मान रहे हैं कि हाल के महीनों में बीजेपी ने कई देशों के साथ पार्टी स्तर का संपर्क बढ़ा दिया है। भारतीय अखबार द हिंदू की तरफ से बताया गया है कि ‘बीजेपी को जानो’ कार्यक्रम के तहत अलग-अलग देशों के नेताओं और राजनयिकों के साथ वार्ता की जा रही है। पिछले साल इसये जुड़े एक कार्यक्रम में प्रचंड ने भी हिस्सा लिया था। कई विशेषज्ञ इसे सॉफ्ट डिप्लोमेसी भी करार देते हैं। वहीं यह बात भी सच है कि दोनों देशों के बीच नेपाल के पश्चिमी क्षेत्र और महाकाली नदी पर मौजूद सीमा विवाद अभी तक अनसुलझे हैं।