जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को शनिवार रात मौत के घाट उतार दिया गया है। इस हत्याकांड पर सवाल उठ रहा है क्योंकि उस वक्त पुलिस की भारी सुरक्षा के बीच माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की गई है।
अगर देखा जाये तो 44 सालों की अपराध की कहानी का अंत एक मिनट में खत्म हो गया। शूटआउट के वीडियो से सामने आया है। सोशल मीडिया पर अब कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। सवाल ये भी ये तीनों की अतीक-अशरफ से कोई निजी दुश्मनी थी।
इस वजह किसी को हत्याकांड पर विश्वास नहीं हो रहा है। अब इस पूरे मामले पर पहली बार उत्तर प्रदेश के सीएम योगी का बयान सामने आ रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यूपी में अब कोई माफिया किसी को धमका नहीं सकता है। उन्होंने ने कहा कि यूपी में अब कानून का राज है।
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज में हुई सनसनीखेज हत्या के बाद सीएम योगी का किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में यह पहला भाषण था।
अतीक-अशरफ हत्याकांड को लेकर कई तरह का सवाल उठ रहा है आखिर कैसे पुलिस की मौजूदगी में अतीक-अशरफ को मौत की नींद सुला दी गई। सवाल ये भी ये तीनों की अतीक-अशरफ से कोई निजी दुश्मनी थी। इस वजह किसी को हत्याकांड पर विश्वास नहीं हो रहा है।
उधर सनी, अरुण और लवलेश की अब फोटो भी सामने आई है। एफआईआर में कहा गया है कि तीनों आरोपियों ने प्रदेश में अपना नाम कमाने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया है। पुलिस को ये तीनों ने यही बताया है कि वो सिर्फ नाम कमाने के लिए इस बड़ी वारदात को अंजाम दिया है।
इतना ही नहीं डॉन अतीक अहमद और अशरफ गैंग का सफाया करना चाहते थे और मशहूर होकर लोगों के बीच अपनी दहशत कायम करना चाहते थे।
आरोपियों ने बताया कि हम लोग पुलिस के घेरे का अनुमान नहीं लगा पाए थे और हत्या करके भाग नहीं पाए, क्योंकि पुलिस की तेज कार्रवाई से हम लोग पकड़े गए लेकिन अब आप उस हत्याकांड का वीडियो देखे तो पता चल रहा है कि आरोपियों ने अतीक और उसके भाई को नजदीक से गोली मारी और मौत की सुलाते हुए फौरन खुद सरेंडर कर दिया जबकि पुलिस को उनका दिया बयान मेल नहीं कर रहा है।