जुबिली न्यूज डेस्क
वक्त व हालात को देखते हुए हर देश अपने कानून और नियमों में बदलाव करता ही रहता है, ऐसे में एक देश ने अपने एक कठोर कानून को बदल दिया है। इसी कड़ी में चीन ने भी एक बड़ा फैसला लिया है।
बता दे कि चीन जो दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश वो इन दिनों बच्चे पैदा करने के लिए अपने नागरिकों को तरह-तरह के ऑफर दे रहा है। जन्मदर को बढ़ाने के लिए सरकार के राजनीतिक सलाहकारों ने तरह-तरह की सिफारिशें की हैं जिसे लागू किया जा रहा है।
जिस चीन में बिना शादी के बच्चे पैदा करना अपराध था, वहां अब इसकी मंजूरी दे दी गई है। इतना ही नहीं यहां के कॉलेजों में छात्रों को स्प्रिंग ब्रेक दिया जा रहा है। ताकि छात्र प्यार की तलाश कर सकें और उनके साथ रिश्ता बना सकें।
चीन में छात्रों को दिया जा रहा है स्प्रिंग ब्रेक
फैन मेई एजुकेशन ग्रुप की ओर से चलाए जा रहे 9 कॉलेज में से एक मियायांग फ्लाइंग वोकेशनल कॉलेज ने स्प्रिंग ब्रेक की घोषणा की है। 21 अप्रैल से शुरू हो रहा ये ब्रेक 7 दिन का होगा। जब छात्र अपने प्यार की तलाश पूरी करने निकलेंगे।वहीं बाकि कॉलेजों में यह नियम 1 से 7 अप्रैल के बीच के लिए बनाया गया। स्प्रिंग ब्रेक देने का मकसद है छात्रों में प्राकृतिक को समझना और अपने अंदर भावनाओं को विकसित करना।
बिना शादी के बच्चे पैदा करने की इजाजत
चीन में ‘वन चाइल्ड’ पॉलिसी की वजह से लगातार जनसंख्या दर घट रही हैं। चाइल्ड बर्थ रेट बढ़ाने के लिए चीन में कई जगहों पर मैरिड कपल को एक महीने की पेड लीव दी जा रही है। ताकि वो एक दूसरे के साथ बिना टेशन के क्वालिटी टाइम गुजारे और प्रेग्नेंसी पर फोकस करें। चीन के सिचुआन प्रांत में उन्हें भी मैटरनिटी लीव और मेडिकल हेल्प मिल रहा है जो शादीशुदा नहीं हैं।
युवाओं को स्पर्म डोनेट के बदले दिया जा रहा है मनी
इतना ही नहीं चीन में युवाओं को स्पर्म डोनेट करने के लिए कहा जा रहा है। इसके बदले में उन्हें पैसे भी दिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं बच्चों की देखभाल के लिए चीन पैसे भी दे रहा है। हॉगकॉन्ग से सटे शेन्जेन शहर में हर परिवार को एक बच्चे की परवरिश के लिए 7500 युआन यानी 92 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। वहीं एक से ज्यादा बच्चे होने पर एक्स्ट्रा मनी दी जा रही है।
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गिरती आबादी से परेशान चीन
चीन में 26 करोड़ से ज्यादा लोगों की उम्र 60 साल से ज्यादा है। वहीं चाइल्ड बर्थ रेट घटती जा रही है। साल 2022 में 95 लाख बच्चे ही यहां पैदा हुए। जबकि मौत 1 करोड़ से ज्यादा लोगों की हुई। ऐसे ही चीन में युवाओं की कमी होती रही तो फिर यहां मुश्किल पैदा हो जाएगी। वर्क फोर्स प्रभावित होगा। जिससे चीन की अर्थव्यवस्था धराशायी होने का खतरा है। इतना ही नहीं खुद को सुपरपावर बनाने की योजना पर पानी भी फिर सकता है। ऐसे में चीन अजीबो गरीब कदम उठाकर बर्थ रेट बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।
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