जुबिली न्यूज डेस्क
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और वायनाड से लोकसभा सांसद रहे राहुल गांधी का विवादों से जैसे रिश्ता बन गया है. उनके एक के बाद एक विवादित बयान ने सियासी पारा को बढ़ा दिया है। वी आर सावरकर पर बयान देकर एक बार फिर राजनीतिक रूप से घिरते नज़र आ रहे हैं.
मीडिया ख़बर की मानें तो राहुल गांधी के इस बयान ने बीजेपी के साथ-साथ उनके कुछ सहयोगी दलों को भी असहज कर दिया है. राहुल गांधी ने बीते शनिवार प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि ‘मेरा नाम सावरकर नहीं है. मैं गांधी हूं. मैं माफ़ी नहीं मांगूंगा.’राहुल गांधी ने ये बात उस सवाल के जवाब में कही थी जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या वह संसद सदस्यता जाने के बाद उस टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगेंगे जिसे सूरत की अदालत ने मानहानि क़रार दिया है.
सावरकर पर बयान देकर फंसे राहुल गांधी
बीजेपी लगातार राहुल गांधी से माफ़ी मांगने की मांग कर रही थी. इस सवाल के जवाब में ही उन्होंने सावरकर का नाम लिया.और ऐसा करके राहुल गांधी ने उन माफ़ीनामों की ओर इशारा किया जिन्हें वीआर सावरकर की ओर से ब्रिटिश सरकार को भेजा गया था.
ये पहला मौका नहीं था जब राहुल गांधी ने वी आर सावरकर को लेकर बयान दिया हो. लेकिन इस बार जिस तरह राहुल गांधी ने सावरकर का नाम लिया है, उससे बीजेपी असहज होती दिख रही है.बीजेपी नेता और केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बीते रविवार एक के बाद एक कई ट्वीट करके राहुल गांधी को घेरने की कोशिश की.
अनुराग ठाकुर ने लिखा कि ‘राहुल गाँधी जी! आप वीर सावरकर हो भी नहीं सकते, दूर-दूर तक, क्योंकि वीर सावरकर न साल के छह महीने विदेशों में छुटियाँ मनाने जाते थे न ही अपने देश के ख़िलाफ़ विदेशियों से मदद मांगते थे. उन्होंने ब्रिटेन में जाकर माँ भारती को ग़ुलामी की ज़ंजीर से मुक्त कराने का शंखनाद किया.आप वीर सावरकर पर नहीं, अपनी दादी पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी पर प्रश्न खड़े कर रहे हैं. वीर सावरकर जी के सम्मान में इंदिरा जी का लिखा वह पत्र पढ़िए, वहाँ आपको आपके कुतर्क का जबाब मिल जाएगा. सावरकर से ख़ुद की तुलना मत कीजिए.’
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बीजेपी के साथ-साथ महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में कांग्रेस की साझेदार रही शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने भी इस मुद्दे पर राहुल गांधी का विरोध किया है.
ऐसे बयान न दें जिससे हमारे बीच दरारें पैदा हो
उन्होंने कहा, “मैं राहुल गांधी से कहना चाहता हूं कि हम भारत जोड़ो यात्रा में साथ चले क्योंकि यह लोकतंत्र बचाने से जुड़ा प्रयास था. लेकिन मैं राहुल गांधी से खुलकर कहना चाहता हूं कि सावरकर हमारे लिए भगवान जैसे हैं. और हम उनका अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम लोकतंत्र बचाने में आपके साथ हैं, लेकिन ऐसे बयान न दें जिनकी वजह से हमारे बीच दरारें पैदा हों. वे आपको भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. अगर हम आज चूकेंगे तो देश निश्चित रूप से तानाशाही की ओर जाएगा.”
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