जुबिली स्पेशल डेस्क
भारत की प्रतिभवान मुक्केबाज निखत जऱीन और लवलीना बोरगोहेन ने महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रविवार को अपने-अपने फाइनल मुकाबले जीतकर सोना जीता है।
इसके साथ ही भारत ने स्वर्णिम चौका लगाया। इससे पहले कल 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू (48 किग्रा) ने अपनी शानदार फार्म बरकरार रखते हुए दो बार की एशियाई कांस्य पदक विजेता मंगोलिया की लुत्साइखान अल्तांसेटसेग को 5-0 से एकतरफा अंदाज में हराकर पहली बार विश्व चैंपियनशिप में पदक हासिल कर लिया।
तीन बार की एशियाई पदक विजेता स्वीटी (81 किग्रा) को चीन की वांग लीना के खिलाफ विश्व चैंपियनशिप में अपना दूसरा पदक हासिल करने के लिए बाउट की समीक्षा के बाद अंकों के आधार पर 4-3 से जीत हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
पिछली बार 52 किग्रा वर्ग में विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली निखत ने 50 किग्रा वर्ग में दो बार की एशियाई चैंपियन वियतनाम की थी ताम नुयेन को 5-0 से पराजित कर लगातार दूसरी बार विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम किया है जबकि टोक्यो ओलंपिक मेडलिस्ट लवलीना ने खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की केटलीन पार्कर को 5-2 से हराकर भारत को चौथा स्वर्ण दिलाया।
मौजूदा विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 65 देशों की कई ओलंपिक पदक विजेताओं सहित 324 मुक्केबाज भाग ले रही हैं। ये मुक्केबाज 12 अलग-अलग भार वर्गों में अपनी चुनौती पेश कर रही हैं। इस टूर्नामेंट में 20 करोड़ रुपये की विशाल पुरस्कार राशि है।
कुल मिलाकर भारत ने इस पूरी प्रतियोगिता में अपना दबदबा कायम किया है। इस पूरी प्रतियोगिता चार सोना जीतकर अपनी अलग छाप छोड़ी है। ऐसे में आने वाले दिनों में इन मुक्केबाजों से भारत को और अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। ओलम्पिक में भी भारत की अब संभावनाए पहले से और बेहतर हो गई है।