जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। बीजेपी में वरुण गांधी लगातार उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। इतना ही नहीं वरुण गांधी अपनी पार्टी से काफी नाराज चल रहे हैं और कई मौकों पर अपनी पार्टी की आलोचना कर चुके हैं। ऐसे में कयास भी लगाये जा रहे हैं वो बहुत जल्द बीजेपी का साथ छोड़ सकते हैं।
अब सवाल है कि उनका अगला कदम क्या होगा। कयासों का दौर जारी है। हालांकि अब तक उन्होंने बीजेपी का साथ नहीं छोड़ा है और पार्टी में बने हुए है लेकिन अब उनको लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है।
दरअसल उनको राहुल गांधी की तरह उनको भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का निमंत्रण मिला था लेकिन उन्होंने इस निमंत्रण को ठुकरा दिया है। जानकारी के मुताबिक यूनियन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज पर डिबेट होनी थी। डिबेट का विषय ‘This House Believes Modi’s India is on the Right Path’ (इस हाउस का मानना है कि मोदी के नेतृत्व में भारत सही पथ पर है) था।
वरुण गांधी ने ये कदम तब उठाया है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कैंब्रिज में दिए भाषणों पर हंगामा हुआ। वरुण ने अपने लेटर के माध्यम से कहा है कि इस तरह के विषयों पर भारत के भीतर ही नीति निर्माताओं में चर्चा होनी चाहिए।
वरुण ने कहा कि वे ऐसे विषयों को संसद में और अन्य उचित फोरम पर उठाने को प्राथमिकता देते है। ऐसे में अंदरुनी चुनौतियों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने में कोई मेरिट नहीं है।
इसके साथ ही वरुण गांधी ने ये भी कहा कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में, मैं इसे नीतिगत पहलों का अध्ययन और मूल्यांकन करके और प्रतिक्रिया की पेशकश करके हमारी प्रणाली को मजबूत करने के अपने काम के रूप में देखता हूं। उन्होंने कहा कि संसद के भीतर और अन्य मंचों के माध्यम से निरंतर और रचनात्मक तरीके से राष्ट्रीय बहस में भाग लेना उनकी प्राथमिकता है।
दूसरी तरफ संसद में इस वक्त राहुल गांधी को लेकर घमासान मचा हुआ है। दरअसल राहुल गांधी ने लंदन दौरे पर भारत के लोकतंत्र को लेकर एक बयान दिया था।
जिसके बाद बीजेपी उनके ऊपर हमलावर हो गई है। इतना ही नहीं उनसे संसद में माफी मांगने को भी कह रही है लेकिन अब राहुल गांधी ने लंदन से लौटते ही इस पूरे मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक प्रेस वार्ता कर साफ कर दिया है कि वो बीजेपी से डरने वाले नहीं है।
उन्होंने कहा, “सुबह मैं संसद गया और अध्यक्ष (लोकसभा) से बात की कि मैं बोलना चाहता हूं। सरकार के चार मंत्रियों ने मुझ पर आरोप लगाए थे इसलिए मुझे सदन में अपनी बात रखने का अधिकार है।
मुझे उम्मीद है कि मुझे कल संसद में बोलने दिया जाएगा। कुछ दिन पहले मैंने मोदीजी और अडानीजी पर सवाल उठाते हुए सदन में भाषण दिया था, वह भाषण हटा दिया गया था। भाषण में ऐसा कुछ भी नहीं था जिसे सार्वजनिक रिकॉर्ड से निकाला जाए।”