जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें अब और ज्यादा बढऩे वाली क्योंकि सीबीआई और ईडी दोनों ने मनीष सिसोदिया पर शिकंजा कस दिया है।
दिल्ली के आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मनीष सिसोदिया की रिमांड पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। अब इस मामले की जमानत पर सुनवाई 21 मार्च को होगी।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि होलसेल बिजनेस कुछ निजी लोगों को दिया गया। होलसेलर को 12 फीसदी प्रॉफिट मार्जिन दिया गया जो एक्सपर्ट कमेटी की राय से अलग था. इस पर जज ने सवाल किया कि प्रॉफिट मार्जिन कितना होना चाहिए। ईडी के वकील ने बताया कि यह 6 प्रतिशत होना चाहिए। हमारे पास इस बात की सामग्री उपलब्ध है कि ऐसा गिरफ्तार आरोपी (सिसोदिया) के कहने पर किया गया. इसलिए सिसोदिया की रिमांड जरूरी है।
ईडी के वकील ने बताया कि शराब की बिक्री का लाइसेंस देने के लिए तय व्यवस्था का भी उल्लंघन हुआ. कार्टेल बनाए गए. चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाया गया. आरोपी से जुड़े CA ने भी कुछ बातों का खुलासा किया है। ईडी ने कहा, सिसोदिया ने जांच में सहयोग नहीं किया।
जज ने सवाल किया कि आप कैसे कह सकते हैं कि 12 प्रतिशत प्रॉफिट मार्जिन की सिफारिश GOM ने की थी. इस पर ईडी ने जवाब में कहा कि एक्साइज कमिश्नर व कुछ और लोगों ने यह बताया है. सेक्रेट्री के बयान से भी इसकी पुष्टि हुई है।