- उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ की बैठक 5 मार्च को
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ (यूपीओए) की साधारण सभा की बैठक 5 मार्च को दोपहर 12 बजे से बीबीडी यूपी बैडमिंटन अकादमी में आयोजित होगी। इस बैठक में अगले चार साल के लिए संघ की कार्यकारिणी चुनी जाएगी।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को भी कार्यकारिणी में महत्वपूर्ण स्थान मिल सकता है।
स्थानीय मीडिया ने माने तो यूपी वॉलीबाल संघ के अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री अब उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ में एंट्री करने जा रहा है। अब सवाल है कि वो किस भूमिका में होंगे।
बताया जा रहा है वो यूपी ओलम्पिक संघ में बतौर चेयरमैन अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रहे हैं। इसका एलान रविवार किया जा सकता है। रविवार को उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ के कार्यकारिणी के चुनाव की घोषणा के बाद कई चौंकाने वाले चेहरों को इस बार यूपी ओलम्पिक में जगह मिल सकती है। बताया जा रहा है कि कई नये चेहरों को इस बार शामिल किया जा सकता है तो दूसरी ओर विराज सागर दास का दूसरी बार अध्यक्ष बनना और डा. आनन्देश्वर पाण्डेय का आठवीं बार संघ का महासचिव बनना भी तय है।
इन चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 3 मार्च तक सभी पदों की निर्धारित संख्या के अनुसार ही नामांकन प्राप्त हुए है जिसके चलते निर्विरोध निर्वाचन होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
कहा जा रहा है कि भारतीय ओलंपिक संघ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ में भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को कार्यकारिणी में स्थान मिल सकता है। इन चुनावों के लिए रिटर्निंग ऑफिसर डीसी मिश्रा (रिटायर्ड आईपीएस) बनाये गए है। वही स्वाती और सुधा सिंह को भी यूपी ओलम्पिक में अहम जिम्मेदारी मिलने क संभावना है।
बताते चले कि इस बैठक में प्रदेश के 31 राज्य खेल संघो के 62 वोट होंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ से संबद्ध 75 जिलों के जिला ओलंपिक संघ से 93 वोटर होंगे। इसके साथ ही खेल निदेशालय और भारतीय ओलंपिक संघ के पर्यवेक्षक भी बैठक में उपस्थित रहेंगे। यूपीओए के चुनाव के लिए सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी डीसी मिश्रा को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके अलावा खेल विभाग की तरफ सेउप निदेशक एसएस मिश्र को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
आनंदेश्वर पांडेय पर एक नजर
आनंदेश्वर पांडेय खेल प्रशासक बनने से पहले खुद भी खिलाड़ी के तौर पर अपनी छाप बना चुके थे। वो राष्टï्रीय स्तर के हैंडबॉल खिलाड़ी रहे हैं। इतना ही नहीं 1977-78 की नेशनल चैम्पियनशिप में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था। इसके अलावा वह लंबी दूरी के नेशनल एथलीट भी रह चुके हैं।
बतौर खिलाड़ी उनका करियर ज्यादा लंबा नहीं चला और फिर वह खेल प्रशासक बन गए और फिर उनको लोग ज्यादा जानते हैं।
प्रदेश स्तर पर राज्य खेल संघों के साथ मिलकर कुश्ती, हॉकी, फुटबॉल, एथलेटिक्स की नेशनल-इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं का आयोजन करा चुके हैं। यूपी सरकार ने 2016 में उन्हें यश भारती पुरस्कार से नवाजा था। खेल प्रशासक के तौर पर उनके काम की सराहना के तौर पर उस समय अखिलेश सरकार ने यह सम्मान दिया था।