जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने करोड़ों ग्राहकों को तगड़ा झटका दिया है. SBI ने सभी समयावधि के लिए अपने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में 10 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया है. अब बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा. बैंक की नई दरें 15 फरवरी से लागू हो गई है.
ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है. ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं. अब आपको लोन लेने पर पहले से ज्यादा ईएमआई का भुगतान करना होगा. ग्राहकों के जेब पर इसका सीधा असर पड़ेगा.
नई MCLR दरें
एसबीआई ने ओवरनाइट एमसीएलआर दर को 7.95 फीसदी, 1 महीने के लिए एमसीएलआर दर 8.10 फीसदी और 3 महीने के लिए एमसीएलआर दर 8.10 फीसदी कर दिया है। वहीं बैंक का 6 महीने के लिए एमसीएलआर दर 10 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 8.40 फीसदी, 1 साल के लिए एमसीएलआर 8.40 फीसदी से 8.50 फीसदी, 2 साल के लिए एमसीएलआर 8.50 फीसदी से 8.60 फीसदी और 3 साल के लिए एमसीएलआर 8.60 फीसदी से 8.70 फीसदी हो गया है.
क्या होता है MCLR?
बता दे कि एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं. उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे.
ये भी पढ़ें-महाप्रलय की आहट! पानी में समा जाएंगे लंदन-न्यूयॉर्क, समेत भारत पर भी खतरा
लगातार छठी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी
बता दें कि बीते 8 फरवरी को आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट में एक बार फिर 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है. यह लगातार छठी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी है. मौद्रिक नीति बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनियाभर में बढ़ती महंगाई का दबाव भारत पर भी है और इस पर पूरी तरह काबू पाने के लिए एक बार फिर कर्ज की ब्याज दरें बढ़ाना जरूरी हो गया है. हालांकि, इस बार रेपो रेट में सिर्फ 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की जा रही है.
ये भी पढ़ें-यूपी में 37 अपर पुलिस अधीक्षकों के तबादले, लखनऊ के तीन अफसर भी बदले