जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामचरितमानस पर उठे विवाद के बीच बड़ी बात कही है। सीएम योगी ने रामचरितमानस को लेकर खड़े किए जा रहे विवाद कहा कि यह मुद्दा उन लोगों की ओर से उठाया जा रहा है, जो समाज में माहौल खराब करना चाहते हैं। राज्य सरकार के विकास के एजेंडे को पटरी से उतारना चाहते हैं।
अब ये लोग ‘नए यूपी’ में बेचैन
आगे सीएम ने कहा कि रामचरितमानस विवाद पर पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीएम योगी ने कहा कि जिनके पास राज्य के विकास में योगदान करने के लिए कुछ नहीं है। जिन लोगों ने अतीत में इसकी छवि खराब कर दी थी। यूपी के युवाओं के लिए पहचान का संकट खड़ा किया। लोगों के सामने भविष्य सही नहीं दिखने लगा था। अब ये लोग ‘नए यूपी’ में बेचैन हैं।
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि जब हम ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने वाले हैं, तब विकास और निवेश से लोगों का ध्यान हटाने के लिए वे इस तरह के बेकार के मुद्दों को उठा रहे हैं। दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमान पुस्तक को ‘दलित-विरोधी’ करार दिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मौर्य का समर्थन करते हुए कहा है कि वह सीएम योगी से यूपी के पूर्व मंत्री की ओर से संदर्भित छंदों का वास्तविक अर्थ पूछेंगे। स्वामी प्रसाद मौर्य ने यूपी चुनाव 2022 के ठीक पहले भाजपा छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था।
श्लोकों के अर्थ पर कही ये बड़ी बात
सीएम योगी ने श्लोकों का वास्तवित अर्थ क्यों नहीं समझा देते, उन्होंने कहा कि उन लोगों को समझाना जो किसी बोली और उसकी बारीकियों की समझ नहीं रखते हैं, समय की बर्बादी होगी। सीएम ने कहा कि यह बुद्धि और समझ की बात है। किसी शब्द को किस बोली में लिखा गया है। किसी विशेष स्थान पर उस शब्द का अर्थ क्या है? यह समझने के लिए कम से कम पर्याप्त बुद्धि और तर्क होना चाहिए।
जब हमें जवाब देने की जरूरत होगी, मैं जवाब दूंगा
क्या सीएम योगी अखिलेश को जवाब देंगे? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमें जवाब देने की जरूरत होगी, मैं उन्हें जवाब दूंगा। इस बीच, सीएम ने दावा किया कि कमिश्नरेट में अपराध के ग्राफ में तेज गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि पिछले छह वर्षों में राज्य की छवि में काफी सुधार हुआ है और निवेशक यूपी आने के इच्छुक हैं।
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