जुबिली न्यूज डेस्क
बगहा. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगलों के बीच स्थित मदनपुर देवी स्थान की मान्यता काफी विख्यात है. तपस्या स्थान मदनपुर देवी के स्थान से प्रसिद्ध है यहां प्रतिवर्ष हजारों लाखों की संख्या में यूपी-बिहार व नेपाल से श्रद्धालु आते हैं. यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
अनुमंडल प्रशासन की ओर से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मदनपुर देवी स्थान को पर्यटन विभाग के प्रसाद योजना से जोड़ा जाएगा. इसको लेकर जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा गया है. योजना से जुड़ने पर देशभर के प्रमुख मंदिरों में मदनपुर देवी स्थान भी शामिल हो जाएगा. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगलों के बीच स्थित मदनपुर देवी मंदिर प्रसाद योजना से जुड़ने के साथ ही यहां पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
यह है पर्यटन विभाग की प्रसाद योजना
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2014-2015 में पीआरएएसएडी योजना शुरू की थी. इस योजना का उद्देश्य पूर्ण रूप ‘तीर्थ स्थानों का कायाकल्प करना और आध्यात्मिक संवर्द्धन को विकसित करना’ है. यह योजना धार्मिक पर्यटन को समृद्ध करने के लिए पूरे भारत में तीर्थ स्थलों को विकसित करने और पहचान दिलाने की है, ताकि धार्मिक स्थलों का विकास हो एवं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके.
मदनपुर देवी स्थान की यह है मान्यता
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगलों के बीच स्थित मदनपुर देवी स्थान की मान्यता है कि रहसू गुरु यहां बाघों से फसल की दौनी करते थे. साथ ही इस दौनी में सांप की रस्सी बनाकर प्रयोग किया करते थे. इस बात की सूचना गोपालगंज के राजा मदन सिंह को मिली तो वे देवी से मिलने की जिद करने लगे. रहसू गुरु ने गोपालगंज के राजा मदन सिंह के जीत पर उन्हें माता का दर्शन कराया था.
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श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं
ऐसा कहा जाता है कि माता रहसू गुरु का सिर फाड़कर कंगल वाले हाथों को दिखाया था. तपस्या स्थान मदनपुर देवी के स्थान से प्रसिद्ध है यहां प्रतिवर्ष हजारों लाखों की संख्या में यूपी-बिहार व नेपाल से श्रद्धालु आते हैं. यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
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