जुबिली न्यूज डेस्क
कर्नाटक ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट द्वारा हाल ही में सर्कुलर जारी कर 18 साल से कम उम्र की महिलाओं को गर्भ निरोधक और कंडोम की बिक्री पर रोक लगाया गया था. जिसे आज वापस ले लिया गया है. प्रतिबंध ने अनवांटेड प्रेगनेंसी और यौन संचारित रोगों के जोखिम के बारे में नई बहस छेड़ दी थी. जिसके वजह से वापस ले लिया गया है.
हालांकि फार्मासिस्टों को कंडोम, गर्भ निरोधकों और नाबालिगों को अवसाद-रोधी दवाई बेचने से रोकने के लिए किसी भी सर्कुलर को जारी करने से इनकार किया है.
गौरतलब है कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में राज्य के ड्रग कंट्रोलर प्रभारी भागोजी टी खानपुरे के हवाले से कहा गया था कि राज्य सरकार यौन संचारित रोगों को रोकने और जनसंख्या नियंत्रण के लिए कंडोम को बढ़ावा दे रही है. लेकिन, यह किशोरों या स्कूली बच्चों के लिए नहीं है.
बैंगलोर मिरर के अनुसार, खानापुरे ने स्पष्ट रूप से कहा था कि एक सर्कुलर सख्ती से जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि कम उम्र के किशोरों के लिए गर्भनिरोधक नहीं बेचे जाने चाहिए. बाद में खानपुरे ने खुद कहा हमने इस आशय का कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है. मीडिया में इसे गलत तरीके से रिपोर्ट किया गया है.
इस वजह से जारी किया गया था सर्कुलर
पिछले साल नवंबर में स्कूली छात्रों के बैग में कंडोम, गर्भनिरोधक, सिगरेट और व्हाइटनर पाए जाने के बाद कथित तौर पर यह सर्कुलर जारी किया गया था. पिछले साल नवंबर में, छात्रों को कक्षाओं में मोबाइल फोन ले जाने से रोकने के लिए एक औचक निरीक्षण ने बेंगलुरु स्कूल के अधिकारियों को हैरान और शर्मिंदा कर दिया.
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इसकी आलोचना कि इससे अवांछित गर्भधारण और यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) में वृद्धि होगी. कुछ ने यह भी कहा कि प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा सकता है, क्योंकि कंडोम और गर्भनिरोधक सभी दुकानों में उपलब्ध हैं, जब प्रतिबंध जारी किया गया था, तो खानपुरे ने समझाया था कि यह केवल कंडोम और गर्भ निरोधकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सिगरेट तक भी है.
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