जुबिली स्पेशल डेस्क
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की कुर्सी जायेगी या नहीं ये आने वाले वक्त में पता चल जायेगा लेकिन फिलहान उनको भारतीय कुश्ती महासंघ ने दूर रहना होगा।
दरअसल पहलवानों ने सरकार से उनकी शिकायतों का समाधान करने का आश्वासन मिलने के बाद शुक्रवार 20 जनवरी की देर रात अपना धरना समाप्त कर दिया।
सरकार ने साफ कर दिया है कि पूरे मामले की जांच होगी और तब तक बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग रहना होगा। फिलहाल की स्थिति को देखते हुए मामला शांत हो गया है लेकिन बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है क्योंकि सरकार और इंडियन ओलम्पिक के उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने की तैयारी में है।
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ दूसरे दौर की वार्ता में गतिरोध दूर होने पर विनेश फोगाट, बंजरग पुनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया सहित अन्य पहलवानों ने अपना धरना समाप्त करने का फैसला किया। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीडऩ और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
खेल मंत्री ने बताया, ‘एक निगरानी समिति बनाने का फैसला किया गया है, जिसके सदस्यों के नामों की घोषणा शनिवार 21 जनवरी को की जाएगी। समिति चार हफ्ते में जांच पूरी करेगी। वह डब्ल्यूएफआई और इसके अध्यक्ष के खिलाफ वित्तीय या यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों की गंभीरता से जांच करेगी। जांच पूरी होने तक बृजभूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती संघ से अलग रहेंगे और जांच में सहयोग करेंगे, जबकि डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के काम को निगरानी समिति देखेगी।’
बता दे कि अब इस पूरे मामले पर भारतीय ओलंपिक संघ ने बड़ा कदम उठाया है और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीडऩ के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित करने का फैसला किया है। इस कमेटी के सदस्यों में मैरी कॉम, डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और 2 अधिवक्ताओं के नाम शामिल हैं।