जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। हिंदू नेता साध्वी प्राची को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल साध्वी प्राची ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। हालांकि बाद में कोर्ट ने उनको 25- 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत भी दे दी है। अब अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
मीडिया रिपोट्र्स की माने तो 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में पेश नहीं होने पर गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। इसके बाद उनको कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा था।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि है कि साल 2013 में अगस्त और सितंबर के महीने में मुजफ़्फरनगर और आस-पास के इलाक़ों में हुए सांप्रदायिक दंगे हुए थे। इस दंगे में करीब-करीब 60 लोगों की जिंदगी खत्म हो गई थी और 40,000 से अधिक लोग विस्थापित होने पर मजबूत हुए थे।
इस पूरे मामले में साध्वी प्राची, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान समेत 14 लोगों पर अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया था, जिसकी सुनवाई जारी है।
इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है जिसकी सुनवाई एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रही है। हालांकि कई लोग कोर्ट में पेश हुए और जमानत हासिल कर चुके हैं। इन सभी पर आरोप है कि उन्होंने नगला मंडोर की महापंचायत में भाग लिया था, जहां 31 अगस्त, 2013 का अपने भाषणों के माध्यम से निषेधाज्ञा का कथित उल्लंघन कर हिंसा के लिए भीड़ को उकसाया था।
न्यूज एजेंसी पीटीआई की माने तो साल 2021 में एसआईटी ने कहा था कि दंगों के दौरान मडर्र, रेप, डकैती एवं आगजनी से संबंधित 97 मामलों में 1,117 लोग सबूतों के अभाव में बरी हो गए थे। एसआईटी की माने तो पुलिस ने 1,480 लोगों के खिलाफ 510 मामले दर्ज किए और 175 मामलों में आरोप-पत्र दायर किया था। एसआईटी 20 मामलों में आरोप-पत्र दायर कर नहीं सकी, क्योंकि राज्य सरकार की ओर से उसे मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं मिली। दंगों संबंधित इन 20 मामलों में विधायक और सांसद भी आरोपियों की सूची में हैं।