जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार की सियासत में इन दिनों चर्चा तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की ज्यादा देखने को मिल रही है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार को दिल्ली की सियासत में कदम रखना चाहिए और तेजस्वी यादव को सीएम की कुर्सी सौंप देनी चाहिए।
हालांकि नीतीश कुमार भी यही चाहते हैं और बार-बार 2024 चुनाव के लिए विपक्ष को मजबूत करने की बात कह रहे हैं लेकिन फिलहाल उनके एक बयान से एक बात तो साफ हो गई है कि फिलहाल नीतीश कुमार में बिहार की सियासत में बने रहेंगे लेकिन आगे चलकर वो दिल्ली की सियासत में अहम रोल अदा करेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव और विधान सभा चुनाव को लेकर अपनी स्थिति साफ कर दी है।
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उन्होंने कहा है कि साल 2025 के बिहार विधानसभा की कमान तेजस्वी यादव के हाथों में होगी और उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। इसके बाद से ये तय हो गया है कि नीतीश कुमार अभी बिहार की कुर्सी छोडऩे को तैयार नहीं है। ऐसे में तेजस्वी यादव का इंतेजार अभी और बढ़ गया है।
बिहार में सियासत में तब बड़ा उलटफेर देखने को मिला था जब नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था और फिर लालू यादव के साथ जाने का फैसला किया था।
इसके बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार बैठे तो तेजस्वी यादव को डिप्टीसीएम की जिम्मेदारी दी गई। आरजेडी के पास 80 विधायक हैं और नीतीश कुमार के 43 विधायक हैं।
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आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कह दिया था कि 2023 में नीतीश को बिहार की कमान तेजस्वी यादव को दे देनी चाहिए और 2024 के चुनाव के लिए उन्हें अपना ध्यान लगाए। कुल मिलाकर फिलहाल नीतीश कुमार अब भी बिहार की सीएम बने रहेंगे और तेजस्वी यादव को फिलहाल तीन साल और इंतेजार करना पड़ेंगा।