जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। केडी सिंह बाबू स्टेडियम के तरणताल की मरम्मत व अन्य निर्माण अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार होगा जिसके लिए विशेषज्ञों की भी सहायता ली जाएगी।
इसके साथ ही अन्य जरुरी कार्यो का आंकलन करे एक हफ्ते के अंदर स्वीकृति कराने की कार्रवाई होगी। पुरातत्व विभाग की तरफ से लगाई गई रोक हटने के बाद यहां काम तेज हो गया है।
आज तरणताल का निरीक्षण करने पहुंचे अपर मुख्य सचिव खेल डा.नवनीत सहगल ने खुद मौरंग एवं सीमेंट के अनुपात की कड़ी पड़ताल की और जरुरी आदेश भी दिए।
उन्होंने यूपीआरएनएन के परियोजना प्रबंधक को मौरंग एवं सीमेंट के अनुपात में किसी प्रकार की लापरवाही न किये जाने के लिए सचेत किया।
इस दौरान लक्ष्मण अवार्डी अंतर्राष्ट्रीय तैराक उमेश प्रसाद ने डाइविंग बोर्ड पर जाने के लिए कैप्सूल लिफ्ट का निर्माण कराने व राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता कराये जाने के लिए इलेक्ट्रानिक टचपैड लगाने की सलाह दी। उन्होंने ये भी कहा कि टाइल्स लगाने में सावधानी बरती जाये ताकि डाईविंग बोर्ड की ऊंचाई प्रभावित न हों।
डा.नवनीत सहगल ने निरीक्षण के दौरान ये भी कहा कि स्टील स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए तुरंत विशेषज्ञों को बुलाकर शेड का निर्माण कराये ताकि यहां खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की स्पर्धाएं हो सके।
उन्होंने तरणताल के सामने दोनो पार्को का सौंदर्यीकरण कराने और तरणताल के प्रवेश द्वार के ऊपर दर्शक दीर्घा के निर्माण का भी निर्देश दिया।
निरीक्षण के दौरान अजय कुमार सेठी (क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी), राजमणि (परियोजना प्रबंधक यूपीआरएनएन), सोहन लाल (सहायक अभियंता), उमेश प्रसाद (अंतर्राष्ट्रीय) तैराक तथा ठेकेदार तरणताल निर्माण भी मौजूद रहे।
अन्य निर्देश
- तरणताल का निर्माण एवं मरम्मतीकरण का कार्य अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप कराया जाये जिसके लिए निर्माण से सम्बन्धित विशेषज्ञो को तुंत बुलाया जाये
- तरणताल के निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत आगणन में जो कार्य सम्मिलित न हो उन्हे एक सप्ताह के अन्दर स्वीकृत कराये जाने सम्बन्धी कार्यवाही की जाये
- कार्य को त्वरित गति से कराये एवं कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें
- तरणताल के निर्माण में सहयोग हेतु यूपी तैराकी संघ को जोड़ा जाये तथा टाइल्स लगाये जाने से पहले कमेटी बनाकर सुझाव आमंत्रित करने के बाद उसके अनुसार कार्यवाही करें।
- लखनऊ के क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी लखनऊ या उनके प्रतिनिधि प्रत्येक दिवस कार्यस्थल पर सीमेंट एवं मौरंग के अनुपात की जांच करेंगे।