Tuesday - 29 October 2024 - 10:08 AM

राममंदिर की कार्ययोजना में बाधाओं को दूर करने से पनप रही है नाराजगी

  • भव्य मंदिर व नव्य अयोध्या बनाने की कवायद में गुम हो रही पौराणिक अयोध्या 

ओम प्रकाश सिंह

अयोध्या। भव्य मंदिर व नव्य अयोध्या बनाने की कवायद में पौराणिक अयोध्या गुम होती जा रही है। बन रहा राम लला का मंदिर परवान चढ़ रहा है लेकिन रामनगरी से रामत्व गायब होता जा रहा है।

राममंदिर की कार्ययोजना में बाधाओं को दूर करने से नाराजगी पनप रही है प्रसाद, मूर्ति, चूड़ी, कंगन, माला, लइया, मिठाई आदि की छोटी छोटी दुकान कर अपनी आजीविका चलाने वाले रामनगरी के व्यापारियों पर कहर बरप रहा है।

रामलला के बन रह मंदिर के लिए रास्ते चौड़े किए जा रहे हैं। सैकड़ों दुकानें बुलडोजर का शिकार हो गई हैं। रामगुलेला मार्ग की दुकानों को अड़तालीस घंटे की नोटिस थमा दी गई है। रामगुलेला बाजार के व्यापारियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

अतीत में झांके तो अयोध्या फैजाबाद जुड़वां शहर में बहू बेगम का बड़ा आतंक था। जब उसकी सवारी निकलती थी तो अयोध्या और फैजाबाद में घरों के किवाड़े बन्द हो जाते थे और जो तिलक लगाये हुये निकलता था उसको दण्ड दिया जाता था। इसी से उस समय का एक दोहा प्रसिद्ध है :—- अवध वसन को मन चहै, पै बसिये केहि श्रोर। तीन दुष्ट एहि में रहैं, बानर, बेगम, चोर। अब जब राम का मंदिर बन रहा है तो अपने ही अपनों का शिकार हो रहे हैं।

भले ही चौड़ीकरण अभियान से सहम जाने के बाद हनुमानगढ़ी व भक्तिपथ के व्यापारी अपनी दुकानें तोड़ने लगे हों, लेकिन रामगुलेला बाजार के व्यापारियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

बुधवार को व्यापारियों ने विरोध स्वरूप अपनी दुकानें बंद रखीं। साथ ही मांगें न माने जाने पर पूरी अयोध्या को बंद करने का ऐलान किया है।

इधर, बाजार बंदी पर प्रशासन ने अड़ियल रूख अपनाते हुए दोपहर बाद रामगुलेला की दुकानों को अवैध बताते हुए अड़तालीस घंटे में गिराने की मुनादी करा दी। साथ में जन्मभूमि निकासी दर्शन मार्ग का वैकल्पिक मार्ग बनाकर पूरे रामगुलेला बाजार को बैरियर लगाकर सील कर फोर्स तैनात कर दी है।

रामगुलेला बाजार (राम जन्मभूमि बाजार) भक्तिपथ कार्ययोजना के क्रियान्वयन में जिला प्रशासन द्वारा मंगलवार शाम को व्यापारियों से आधार, पासबुक व सहमति मांगी गई।

अयोध्या उद्योग व्यापार मंडल ट्रस्ट के अध्यक्ष नन्द कुमार गुप्त के अनुसार जब व्यापारियों ने किसी भी तरह की सहमति देने से इन्कार कर दिया तो प्रशासन की ओर से धमकियां दी गईं। इसी कारण बुधवार को व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं।

उन्होंने कहा कि व्यापारियों को संतुष्ट करने के बाद ही कार्ययोजना को आगे बढ़ाया जाए। यदि इनकी मागें नहीं मानी जाएंगी तो आने वाले दिनों मे पूरी अयोध्या बंद करा दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा डीपीआर/गजट से अधिक जमीन अधिग्रहण करने, बगैर स्थापित किये लोगों की दुकानों को तोड़कर विस्थापित कर देने, बहुत ही कम सहायता राशि देने व बार-बार धमकी देने से व्यापारी समाज भयग्रस्त और आक्रोशित है, जिसके विरोध में जल्द ही समस्त व्यापारियों की एक बैठक कर वृहद आंदोलन की रूपरेखा बनाते हुए समस्त अयोध्या की बाजार बंदी कराई जा सकती है।

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