जुबिली न्यूज डेस्क
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 62 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस सूची में कई दिग्गजों को जगह मिली है तो कुछ का पत्ता भी कट गया है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने 75 प्लस वालों को चुनावी राजनीति से दूर रखने, दागियों को टिकट न देने और सामाजिक समीकरणों को साधने का प्रयास किया है।
जानें किसको मिली जगह किसके पत्ते कटे
बता दे कि पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के पिता प्रेम कुमार धूमल को टिकट नहीं दिया गया है। इसके अलावा धर्मपुर से विधायक एवं जयराम सरकार के सबसे सीनियर मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को भी लिस्ट में जगह नहीं मिल पाई है। उन्हें भी अधिक उम्र के चलते बिठाया गया है। हालांकि उनके बेटे रजन ठाकुर इस बार भाजपा की ओर से चुनावी समर में होंगे। उन्हें नूरपुर के बजाय इस बार फतेहपुर से चुनावी मैदान में उतारा जा रहा है। विधानसभा क्षेत्र नूरपुर से इस बार रणबीर सिंह निक्का पर भाजपा ने दांव खेला है। रणवीर सिंह निक्का नूरपुर में पूर्व में महामंत्री की जिम्मेदारी अदा कर चुके हैं। पार्टी में लगातार हो रही अनदेखी के चलते इस बार निक्का ने आजाद चुनाव लड़ने का मन बना लिया था।
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कुल 11 विधायकों के टिकट कटे
भाजपा ने कुल 11 विधायकों के टिकट काटे हैं। हालांकि महेंद्र सिंह ठाकुर के परिवार में बेटे को ही टिकट मिला है। इसके अलावा राकेश पठानिया और सुरेश भारद्वाज की सीट बदली है। इस तरह कुल 8 विधायक ही ऐसे हैं, जिनका पत्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। धर्मशाला और कांगड़ा की सीटों पर भी भाजपा ने बड़ा दांव चला है। धर्मशाला सीट से विधायक विशाल नैहरिया को मौका नहीं मिला है और उनकी जगह राकेश चौधरी को टिकट दिया गया है। राकेश चौधरी ने उपचुनाव में निर्दलीय उतरकर ताकत दिखाई थी और दूसरे नंबर पर आए थे। इसके अलावा पवन काजल को मौका मिला है, जो कांग्रेस छोड़कर आए हैं। ऐसे में भाजपा पवन काजल के निजी वोट और अपने काडर वोट के जरिए जीत की रणनीति पर काम कर रही है।
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