जुबिली न्यूज डेस्क
मुलायम सिंह यादव के निधन के साथ ही लोकसभा में सैफई परिवार का कोई भी सदस्य नहीं रह गया है। परिवार की खास सीट रही मैनपुरी में अब 6 महीने के भीतर उपचुनाव होने वाला है। यह अखिलेश यादव की पहली सियासी परीक्षा भी होगी। मुलायम के बिना वह रणनीतिक रूप से कितने कुशल हैं, कैसे परिवार को साधते हैं और कैसे पार्टी को, यह सीट के चुनाव से पता चलेगा।
ये दो में रेस में है आगे
अखिलेश यादव पिता के गर्व को बनाए रखना चाहेंगे ताकि 2024 के लिए तैयारी पुख्ता की जा सके। लेकिन इस राह में उन्हें पहली लड़ाई परिवार के भीतर ही लड़नी होगी। 2019 में ही शिवपाल यादव भी इस सीट से लड़ना चाहते थे, लेकिन मौका नहीं मिला था। अब चर्चा है कि एकता के नाम पर अखिलेश यादव से वह एक बार फिर मैनपुरी की सीट पर दावेदारी कर सकते हैं। हालांकि ऐसा होने के आसार बहुत कम अखिलेश यादव मैनपुरी जैसे गढ़ को चाचा के हवाले करेंगे। इसकी बजाय वह परिवार के ही किसी भरोसेमंद को उतार सकते हैं। ऐसे में धर्मेंद्र यादव और तेज प्रताप यादव का नाम रेस में बताया जा रहा है।
इनको मौका दे सकते हैं अखिलेश
धर्मेंद्र यादव की बात करें तो पार्टी में उनकी छवि एक मेहनती नेता और सबके संपर्क में रहने वाले शख्स की है। इसके अलावा धर्मेंद्र यादव पहले मैनपुरी का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। 2004 में मुलायम सिंह यादव के सीट छोड़ने के बाद धर्मेंद्र यादव यहां से चुने गए थे। यही नहीं अखिलेश यादव से भी उनके अच्छे संबंध हैं। यही नहीं धर्मेंद्र यादव बदायूं से भी सांसद रह चुके हैं। यदि उन्हें यहां से मौका नहीं मिलता तो वह 2024 में बदायूं को लेकर दावा ठोक सकते हैं और मैनपुरी में जिसे इस बार मौका मिलेगा शायद वही चुनाव लड़े।
स्वामी प्रसाद मौर्य का क्या है कनेक्शन
सूत्रों का कहना है कि स्वामी की बेटी को मौका देने के लिए सपा धर्मेंद्र यादव को मैनपुरी में ही उतारना चाहेगी। धर्मेंद्र यादव पर अखिलेश के भरोसे को इससे भी समझा जा सकता है कि आजमगढ़ से भी अखिलेश ने उन्हें ही मौका दिया था, जहां से वह खुद सांसद थे। हालांकि वह जीत नहीं पाए।
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तेजप्रताप यादव का नाम भी है रेस में
मैनपुरी सीट के लिए एक और नाम तेज प्रताप यादव का भी चल रहा है। वह लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं। बिहार से आरजेडी और नीतीश कुमार कई बार राष्ट्रीय स्तर पर एकता की बात कर चुके हैं। ऐसे में इन दोनों दलों से रिश्ते बेहतर करने के लिए अखिलेश यादव तेज प्रताप यादव को एक बार फिर से मौका दे सकते हैं। उनसे भी अखिलेश यादव और डिंपल के अच्छे रिश्ते हैं।
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