जुबिली स्पेशल डेस्क
हिंदू धर्म में सुहागिनें महिलाएं पूरे साल करवा चौथ व्रत का इंतजार करती हैं। पति की लंबी उम्र व बेहतर स्वास्थ्य के लिए सुहागिन औरतें इस व्रत का विधि-विधान से पालन करती हैं। करवा चौथ का ये प्रसिद्ध त्योहार अब पूरे देश में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है।
सुबह ब्रह्ममुहूर्त में ही व्रतियों को उनके बुजुर्गों खासकर सास द्वारा सरगी दी जाती है। इसके बाद महिलाएं सूर्योदय से लेकर जब तक चंद्रदेव के दर्शन न कर लें, तब तक निर्जला व्रत करती हैं। शिव-पार्वती की पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही इस व्रत को पूरा माना जाता है।
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कहा जाता है कि इस व्रत को देवताओं के लिए उनकी पत्नियों ने भी रखा था। इस व्रत का प्रसंग महाभारत काल में भी मिलता है। ज्योतिषियों के अनुसार तो इस बार करवा चौथ पर ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है। करवा चौथ पर 13 साल बाद एक अद्भुत संयोग भी बन रहा है। इस साल करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर दिन गुरुवार को रखा जाएगा
दरअसल इस बार गुरु देव बृहस्पति, बुध और शनि स्वगृही यानी अपनी-अपनी राशि में विराजमान हैं, जिससे सुख और सौभाग्य पाने में आसानी होगी। सूर्य और बुध भी एक साथ होंगे और इस वजह से उन पर गुरु का प्रभाव भी होगा।
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इसके चलते पति और पत्नी के रिलेशन में मजबूती और विश्वास मिलेगा। शुक्र-बृहस्पति का संबंध भी इस पर्व पर बना रहेगा, जिससे बड़ा फायदा ये है कि कोई प्रार्थना करने पर शीघ्र स्वीकार होगी जबकि 13 वर्ष के बाद मीन राशि का बृहस्पति इस पर्व को ज्यादा अच्छा रही है। इससे वैवाहिक जीवन की परेशानियों को दूर होने में आसानी होगी।