जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर को लेकर बड़़ी खबर आ रही है। दरअसल केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए शशि थरूर को संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से हटा दिया है लेकिन अब एक भाजपा सांसद सहित संसद की स्थायी समिति के पांच सदस्यों ने शनिवार को शशि थरूर को फिर से बहाल करने की मांग की है। थरूर आईटी मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष थे।
इतना ही नहीं एक भाजपा सांसद सहित संसद की स्थायी समिति के पांच सदस्यों ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सूचना प्रौद्योगिकी समिति के प्रमुख के रूप में शशि थरूर को फिर से बहाल किया जाए।
लोकसभा अध्यक्ष को संयुक्त रूप से पत्र लिखने वाले पांच लोगों में भाजपा के अनिल अग्रवाल, सीपीएम के जॉन ब्रिटास, कांग्रेस के कार्ति चिदंबरम, टीएमसी की महुआ मोइत्रा और डीएमके की टी सुमति शामिल हैं।
पत्र में लिखा गया है
पत्र में लिखा गया है कि “समिति का आवंटन आम तौर पर नई लोकसभा की शुरुआत में ही हो जाता है और यह तब तक बना रहता है जब तक कि कुछ असाधारण परिस्थितियों उसे भंग न कर दिया जाए।”
पत्र में आगे लिखा है ”17वीं लोकसभा के बीच में हमारी समिति के अध्यक्षता को बदल देना एक झटका है। कई संसदीय स्थायी समितियों में से, हमारी समिति लगातार बैठकें आयोजित करने में हमेशा सक्रिय रही है, जिसके परिणामस्वरूप संसदीय सत्रों के साथ-साथ अंतर-सत्र अवधि के दौरान भी ठोस कार्रवाई हुई है।”
शशि थरूर ने कहा
वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं सरकार के असामान्य निर्णय से निराश हूं। इस तरह की असहिष्णुता से संसदीय लोकतंत्र को नुकसान होता है।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा
वहीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसपर कड़ा विरोध जताते हुए स्पीकर को एक पत्र भेजकर प्रमुख विपक्षी दल (कांग्रेस) के लिए सम्मानजनक व्यवहार की मांग की है।