- आमरण अनशन कर्मी का स्वास्थ्य गिरा, परिवार भी समर्थन में धरने पर बैठा..
- सुध लेने की भी जहमत नहीं उठाया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने…
ओम प्रकाश सिंह
अयोध्या। विश्वविद्यालय के सरदार बल्लभ भाई पटेल प्रशासनिक भवन की छत के नीचे एक तरफ आमरण अनशन कर्मी है तो दूसरी तरफ अधिकारियों की सुरक्षा में तैनात बंदूक लिए सुरक्षाकर्मी। अनशन कर्मी का आज तीसरा दिन है, स्वास्थ्य गिर गया है। परिवार के लोग समर्थन में धरने पर बैठ गए हैं। नातिन ने कहा साहब मेरे नाना की पेंशन दे दो मुझे कई दिन से चॉकलेट नहीं मिली है।
अवध विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय से सेवानिवृत्त हुए लैंडिंग सहायक अरुण प्रताप सिंह को 2006 से ना तो छठा वेतनमान का एरियर दिया गया है और ना ही पेंशन ग्रेजुएटी व अन्य भुगतान।
लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हुए अरुण प्रताप सिंह अधिकारियों के आश्वासन पर अपनी पेंशन के लिए टिके रहे। जब घर का खर्चा चलना दुश्वार हो गया तो अपना हक मांगने आमरण अनशन पर बैठ गए। अनशन का तीसरा दिन है, अनशनकर्मी का स्वास्थ्य गिर रहा है इसके बावजूद कोई अधिकारी झांकने तक नहीं आया।
कार्यवाहक कुलपति विशेष अवसरों पर विश्वविद्यालय आते हैं। कुलपति सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर अजय प्रताप सिंह ने अनशन के पहले दिन ही अनशन कर्मी से मुलाकात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया था।
अनशन कर्मी की फाइल कुलसचिव की मेज पर है। अनशन कर्मी के सभी देयों और समायोजन का निर्णय, विश्वविद्यालय की सर्वोच्च निर्णायक समिति, कार्य परिषद बहुत पहले कर चुकी है। कार्य परिषद के नियमों की अवहेलना कुलसचिव का शगल बन गया है।
अनशन कर रहे कर्मी के समर्थन में उनकी पत्नी, पुत्र, पुत्री के साथ नातिन व विश्वविद्यालय कर्मचारी परिषद के लोग भी धरने परबैठे। प्रशासन द्वारा समस्या के संबंध में अभी तक कोई भी कार्यवाही दिखती नजर नहीं आ रही है।
उनके आमरण अनशन को कर्मचारियों का समर्थन क्रमिक रूप से मिल रहा है। धरना स्थल पर उस समय बहुत भावुक दृश्य उत्पन्न हो गया जब आमरण अनशन कर्मी की नातिन ने कहा साहब हमारे नाना की पेंशन दे दो मुझे कई दिन से चॉकलेट खाने को नहीं मिली है।