जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में जरुरतमंद खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए एकलव्य क्रीड़ा कोष (खेल एवं खिलाड़ियों का प्रोत्साहन तथा संवर्द्धन) नियमावली 2021 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के मूल निवासी जरुरतमंद खिलाड़ियों को ही आर्थिक सहायता मिलेगी। इसको लेकर योगी सरकार काफी एक्टिव नज़र आ रही है।
दरअसल इस पूरे मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के खेल निदेशालय ने भी कमर कस ली है। इसको लेकर शनिवार को प्रदेशीय खेल संघ के पदाधिकारियों के साथ नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव,खेल, उप्र की अध्यक्षता में केडी बाबू स्टेडियम में एक बैठक हुई और इस बैठक में खासतौर पर इस योजना पर विस्तार से बात हुई है। इतना ही नहीं खेल निदेशक आरपी सिंह ने इस पर ताजा अपडेट भी दिया और बताया कि
प्रदेशीय खेल संघ के पदाधिकारियों के साथ नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव,खेल, उप्र की अध्यक्षता में केडी बाबू स्टेडियम लखनऊ स्थित सभागार में बैठक हुई।
बैठक के दौरान डॉ आर पी सिंह,निदेशक, खेल उप्र, आरएन सिंह, उप निदेशक खेल एवं प्रदेशीय खेल संघ के पदाधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक के दौरान निम्नलिखित निदेश दिए गए:-
1- अपर मुख्य सचिव, खेल द्वारा बैठक के दौरान खेल संघ के उपस्थित समस्त पदाधिकारियों को बताया गया कि आप सभी को एकलव्य क्रीड़ा कोश नियमावली एवं उत्तर प्रदेश स्पोर्ट्स पालिसी का ड्रॉफ्ट उपलब्ध कराया जा रहा है, इसका अध्ययन करके अपने मत/विचार आगामी 15 दिन में मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली बैठक में उपलब्ध करायें ताकि इस सम्बन्ध में अग्रिम कार्यवाही की जा सके।
बता दे कि इस योजना के तहत फेलोशिप का उद्देश्य ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स व राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए प्रदेश में पदक विजेता खिलाड़ी तैयार करना, खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को अत्याधुनिक उपकरण देना व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण की व्यवस्था करना और खिलाड़ियों का स्वास्थ्य बीमा कराना शामिल है। इसके साथ ही दिव्यांगजन, ट्रांसजेंडर व महिला खिलाड़ियों को सहायता के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन पर खर्चा होगा।
एकलव्य क्रीड़ा कोष नियमावली-2021 के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता/फेलोशिप उत्तर प्रदेश के मूल निवासी एवं उत्तर प्रदेश की ओर से सम्बद्धता प्राप्त खेल संघों की अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं व राष्ट्रीय चैंपियशिप में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को ही मिलेगी।
2-अपर मुख्य सचिव, खेल एवं निदेशक खेल द्वारा बैठक के दौरान खेल संघ के उपस्थित समस्त पदाधिकारियों को अवगत कराया गया कि खेल विभाग के अधीन निर्मित स्टेडियमों में प्रतियोगिता आयोजित कराने के लिए संस्थाओं/व्यक्तिओं द्वारा ग्राउण्ड आरक्षण की मांग की जाती है। इस सम्बन्ध में निर्देशित किया गया कि प्रतियोगिता आयोजन के लिए ग्राउण्ड आरक्षण की कार्यवाही संबंधित प्रदेशीय खेल संघ/जिला खेल संघ के पदाधिकारी की अनुमति/संस्तुति के उपरांत ही की जाय।
3- निदेशक खेल, उ.प्र. द्वारा बैठक के दौरान खेल संघ के उपस्थित समस्त पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सब जूनियर, जूनियर एवं सीनियर वर्ग में आयोजित प्रतियोगिताओं में जो खिलाड़ी पदक प्राप्त करते हैं उन सभी खिलाडिय़ों के प्रपत्र पूर्ण करते हुए खेल निदेशालय को समय से उपलब्ध कराये जायें ताकि पदक विजेता खिलाडिय़ों को अनुमन्य पुरस्कार राषि यथाशीघ्र उपलब्ध करायी जा सके।
4- अपर मुख्य सचिव, खेल द्वारा बैठक के दौरान खेल संघ के उपस्थित समस्त पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि खेल निदेशालय एवं खेल संघों केे समन्वय से प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। खेल संघों द्वारा समन्वय से आयोजित प्रतियोगिताओं में खिलाडिय़ों से एंट्री फीस नहीं ली जायेगी।
5- अपर मुख्य सचिव, खेल द्वारा बैठक के दौरान कहा गया कि एक खेल का एक एक्सीलेंस सेंटर साथ किया जाय जिसमें उत्कृष्ट खिला?ियों को रखकर प्रषिक्षण की सुविधाउपलब्ध करायी जाय ताकि राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में खिलाड़ी प्रतिभाग कर अधिक से अधिक पदक प्राप्त कर सकें।