जुबिली न्यूज डेस्क
झारखंड से बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां झारखंड के रिटायर्ड आईएएस की पत्नी और भाजपा नेत्री सीमा पात्रा ने घर में काम करने वाली मेड सुनीता पर बेहिसाब जुल्म किये हैं। सुनीता के शरीर पर दर्जनों जख्म हैं। उसे गरम तवे से जगह-जगह दागा गया है। लोहे के रॉड से उसके दांत तोड़ दिये गये। झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग के एक अफसर की सूचना पर रांची पुलिस ने उसे 22 अगस्त को ही भाजपा नेत्री के रांची के अशोकनगर स्थित आवास से मुक्त कराया था, लेकिन उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
बता दे कि सुनीता को करीब 8 साल से कैद करके रखा गया। भाजपा महिला नेत्री सीमा पात्रा उससे जीभ से फर्श साफ करवाती थी। गर्म तबे से सजा दिया करती थी ।इतना ही नहीं जब सीमा के बेटे ने इसका विरोध किया तो उसे भी मानसिक रोगी बताकर अस्पताल में भर्ती करा दिया। पुलिस ने कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। फिलहाल गिरफ्तारी नहीं हुई है।
भाजपा से कनेक्शन
सीमा पात्रा ने अपने ट्विटर वायो में बेटे बचाओ बेटी पढ़ाओ का स्टेट कंवीनर बताया है, वहीं भाजपा कार्यकारिणी का सदस्य भी बताया है।
जानें सुनीता गुमला के साथ क्या-क्या हुआ
आदिवासी समुदाय से आने वाली सुनीता गुमला के एक गांव की रहनेवाली है। करीब दस साल पहले वह रिटायर्ड आईएएस महेश्वर पात्रा और भाजपा नेत्री सीमा पात्रा के घर मेड के तौर पर काम करने के लिए लाई गई थी। बाद में वह दिल्ली में रहनेवाली उनकी बेटी वत्सला पात्रा के साथ भेज दी गई। दिल्ली से उनके तबादले के बाद सुनीता वापस रांची सीमा पात्रा के घर आई। यहां काम करते हुए उसे हमेशा प्रताड़ित किया जाता रहा। उसने घर जाने की इजाजत मांगी तो पिटाई करते हुए उसे कमरे में बंद कर दिया गया। बात-बात पर पिटाई आम हो गई। दर्जनों बार उसे गरम तवे से दागा गया। जिस कमरे में सुनीता को बंद किया गया, वहीं उसका बेडरूम और बाथरूम था। लगातार पिटाई से वह इस तरह अशक्त हो गयी थी कि फर्श पर घिसट-घिसट कर चलती थी। अगर गलती से सुनीता का पेशाब कमरे से बाहर चला जाता तो उसे अपने मुंह से उसे चाट कर साफ करना पड़ता था। घिसट-घिसट कर किसी तरह उसे यह भी करने को मजबूर किया गया।
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आईपीसी की धारा के तहत केस दर्ज
सुनीता पर हो रहे जुल्म की जानकारी कार्मिक विभाग के अफसर विवेक बास्की को किसी तरह मिली तो उन्होंने डीसी राहुल कुमार सिन्हा के बाद शिकायत की। इसके बाद मैजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सुनीता को मुक्त कराया गया। विवेक बास्की की शिकायत पर ही रांची के अरगोड़ा थाने में आईपीसी की धारा 323, 325, 346, 374 और एस.सी.-एस.टी एक्ट 1989 के सेक्शंस के तहत एफआईआर दर्ज की गयी है।
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