जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से कांग्रेस के लिए कोई भी अच्छी खबर नहीं आई है। केंद्र में उसकी सत्ता जब से गई है तब से राज्यों के चुनावों में कांग्रेस का है बुरा हाल है। लगातार चुनाव में मिलती हार ने कांग्रेस को तोडक़र रख दिया है।
हाल के दिनों में कई नेताओं ने कांग्रेस से किनारा करके बीजेपी का दामन थामा है। पिछले आठ महीनों की बात की जाये तो कांग्रेस के आठ बड़े चेहरों ने पंजे से अपना हाथ खींच लिया है। कांग्रेस के सबसे भरोसमंद चेहरों में से एक गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया है।
इन्होंने छोड़ा है कांग्रेस
- गुलाम नबी आजाद
- कपिल सिब्बल
- आरपीएन सिंह
- अश्विनी कुमार
- सुनील जाखड़
- हार्दिक पटेल
- कुलदीप विश्नोई
- जयवीर शेरगिल
ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों लोग कांग्रेस छोड़ रहे हैं। कई ऐसे नेता है जो अब भी कांग्रेस में खुलकर बगावत कर रहे हैं। हालांकि बीते आठ महीनों से कांग्रेस के अंदर भी कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कब होगा ये किसी को पता नहीं है क्योंकि लगातार टल रहा है। हालांकि कहा जा रहा है कि 21 अगस्त से 20 सितंबर को चुनाव होने वाला था लेकिन सोनिया गांधी ने इसे एक महीने से टालने का फैसला किया है।
उधर जितने भी लोगों ने कांग्रेस छोड़ी सबकी नाराजगी राहुल गांधी को लेकर है। इसका ताजा उदाहरण है गुलाम नबी आजाद। उन्होंने गुलाम नबी आजाद ने भी आज सोनिया गांधी को जो पांच पन्नों को इस्तीफा भेजा है उसमें राहुल गांधी पर उन्होंने जोरदार हमला बोला है।
गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफा पत्र में लिखा, ”2014 में आपके और उसके बाद राहुल गांधी द्वारा नेतृत्व संभाले जाने के बाद, कांग्रेस अपमानजनक ढंग से दो लोकसभा चुनाव हार गई. 2014 से 2022 के बीच 49 विधानसभा के चुनावों में से कांग्रेस 39 में हार गई. पार्टी केवल चार राज्यों के चुनाव जीत पाई और छह में वह गठबंधन की स्थिति बना पाई. दुर्भाग्यवश, आज कांग्रेस केवल दो राज्यों में सरकार चला रही है और दो अन्य राज्यों में यह बहुत सीमांत गठबंधन सहयोगियों में है।”
गुलाम नबी आजाद ने ये भी लिखा, “2019 के चुनाव के बाद से पार्टी में हालात खराब हुए हैं. विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पार्टी के लिए जीवन देने वाले सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों का अपमान करने से पहले राहुल गांधी के हड़बड़ाहट में पद छोड़ने के बाद, आपने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया. एक पद जिस पर आप आज भी पिछले तीन वर्षों से काबिज हैं।
इससे भी बुरी बात यह है कि यूपीए सरकार की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त करने वाला रिमोट कंट्रोल मॉडल अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में लागू हो गया था जबकि आप केवल एक मामूली व्यक्ति हैं, सभी महत्वपूर्ण निर्णय राहुल गांधी द्वारा लिए जा रहे थे या इससे भी बदतर उनके सुरक्षा गार्ड और पीए फैसले ले रहे थे।’
कांग्रेस के नेताओं में बगावत देखने को मिली
इतना ही नहीं राज्यों के चुनावों सीएम का चेहरा कौन होगा इसको लेकर कांग्रेस के नेताओं में बगावत देखने को मिली है। पंजाब में कांग्रेस की आपसी लड़ाई की वजह से सत्ता गवांनी पड़ी है।
इससे पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस का आपसी टकराव उसकी सत्ता चला जाने की असली वजह बना है जबकि राजस्थान में किसी तरह से सरकार चल रही है क्योंकि वहां पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लगातार घमासान देखने को मिल रहा है। कांग्रेस एक ऐसा ग्रुप भी बन गया है जो लगातार राहुल गांधी के कामकाज को लेकर सवाल उठाता रहा है। अब देखना होगा कि कांग्रेस आखिर कैसे फिर से अपने पैरों पर खड़ी होती है।