जुबिली स्पेशल डेस्क
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद से ही चीन और ताइवान तनाव चरम पर पहुंच गया है। हालात जंग जैसे होते नजर आ रहे है। चीन इस वक्त ताइवन को छोडऩे के मुड में नहीं है।
इंटरनेशनल मीडिया की माने तो चीनी सेनाओं ने ताइवान को 6 तरफ से घेर लिया है और समुद्र में ही बलिस्टिक मिसाइलों के जरिए वह लाइव फायर कर रहा है। इसी के चलते उसने एक के बाद एक कई मिसाइलें (Chinese Missiles) दागीं जो ताइवान के अलावा जापान (Japan) के इलाके में गिरीं।
मीडिया रिपोर्ट्स में इन मिसाइलों की संख्या 9 से 11 तक बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि चीन की पांच मिसाइलें जापान में जा गिरीं है। उधर खुद जापान के रक्षा मंत्रालय ने एक मिसाइल हमले की एक तस्वीर भी साझा की है।
चीन पर इस वक्त दुनिया की नजरे जम गई है। दुनिया डरी हुई है कही चीन कोई गलत कदम न उठा ले और इसकी चपेट में पूरी दुनिया आ सकती है। ताइवान और जापान दोनों ने चीन को लेकर अब बड़ा बयान दिया है। ताइवान ने एक बार फिर दोहराया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएगा और जापान ने कहा है कि वह चीनी हिमाकत पर निगरानी कर रहा है। चीनी मिसाइल हमले को लेकर ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने कहा, ”ताइवान संघर्ष को नहीं बढ़ाएगा लेकिन हम अपनी संप्रभुता, अपनी सुरक्षा और अपने लोकतंत्र की दृढ़ता से रक्षा करेंगे। ” वहीं, आत्मरक्षा के मद्देनजर ताइवान ने राजधानी ताइपे की सडक़ों पर टैंक उतार दिए हैं। वही जापान ने ताइवान का समर्थन किया है, इसलिए चीन उससे भी नाराज है।
जानकारी यहां तक मिल रही है कि चीनी सेनाओं ने ताइवान को जल के साथ ही हवा में भी घेर लिया है। इसका नतीजा ये हुआ कि नागरिक विमानों को फिलहाल रोकना पड़ा है। इतना ही नहीं ताइवान के कुछ पोर्ट्स को बंद कर दिया गया है।
चीनी सेना अभी अपने एक्शन लेकर कुछ भी बोल नहीं रही है लेकिन ताइवान ने इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि चीन ड्रैगन ने परमाणु क्षमता से लैस डोंगफेंग मिसाइलों के जरिए फायरिंग की है। बताया जा रहा है कि चीन ने मंगलवार से यहां अपनी प्रैक्सिटस शुरू कर दी थी। ताइवन को लेकर चीन अक्सर यही कहना है कि ये ताइवान उसका ही हिस्सा है और वह कई बार ताकत का इस्तेमाल कर उसे मेनलैंड में मिलाने की धमकी भी दे चुका है।