जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। अगर आप आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने जा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इसका सत्यापन (वैरिफिकेशन) किया जाना जरूरी है।
आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे किअब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आईटीआर वेरिफिकेशन (ITRVerification) करने के नियमों को लेकर बड़ा कदम उठाया है।
पहले जहां आयकरदाता को ऑनलाइन आईटीआर दाखिल करने के बाद 120 दिनों तक आईटीआर वेरिफाई कर सकते थे, वहीं, अब इस काम के लिए उसे केवल 30 दिन मिलेंगे। इसका अर्थ है कि अब आईटीआर दाखिल करने के एक महीने के भीतर ही उसे वेरिफाई करना होगा। नया नियम एक अगस्त से लागू हो गया है।
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है कि सीबीडीटी ने एक नोटिफिकेशन करके बताया है कि इले?क्?ट्रोनिक्?ली आईटीआर भरने के 30 दिन के भीतर फॉर्म आईटीआर-वी दाखिल करना होगा।
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अगर इस अवधि के बाद आईटीआर-वी दाखिल किया जाता है तो इसे ऐसे समझा जाएगा कि जिस रिटर्न के संबंध में यह फॉर्म दाखिल किया गया है, वह कभी भरा नहीं गया और आयकरदाता को दोबारा डेटा भरना (रिटर्न) होगा और फिर इसके 30 दिन की समयावधि में फॉर्म आईटीआर-वी दाखिल करना होगा।
” सीबीडीटी ने स्?पष्?ट किया है कि इस अधिसूचना के प्रभावी होने की तारीख से पहले जो रिटर्न दाखिल हुई हैं, ऐसे रिटर्न के संबंध में 120 दिनों की पहले की समय सीमा लागू रहेगी। अगर आप आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने जा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इसका सत्यापन (वैरिफिकेशन) किया जाना जरूरी है। ITR को वेरिफाई करने के कुल 6 तरीके हैं। आईटीआर को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से वेरिफाई किया जा सकता है।
- आधार आधारित ओटीपी
- हस्ताक्षर किया हुआ आईटीआर-वी भेजें
- नेट-बैंकिंग
- बैंक खाते से
- डीमैट खाता