जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राज्य कर्मचारियों की एक बड़ी मांग पूरी कर दी है। उन्होंन प्रदेश सरकार की ओर से ई-पेंशन पोर्टल की व्यवस्था लागू करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार राज्य कर्मचारियों के हितों के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
वर्षाें से राज्य कर्मचारियों की पैसे के अभाव में उपचार न हो पाने की समस्या के समाधान की मांग थी। राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आज पं दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना का शुभारम्भ किया गया है। इससे राज्य के 22 लाख कर्मचारी और पेंशनर्स तथा इनके आश्रितों को मिलाकर कुल 75 लाख से अधिक लोगों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने यहां लोक भवन में पं दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित करने से पहले योजना के 10 लाभार्थियों चन्द्रपाल सिंह, सुमन सिंह, अजीज अहमद, वन्दना मिश्रा, रचना देवी, शिव गोपाल सिंह, राकेश चौबे, शैलेन्द्र सिंह, बाल गोविन्द सिंह तथा ऋतु सिंह को प्रतीकात्मक स्टेट हेल्थ कार्ड प्रदान किया।
कार्यक्रम के दौरान पं दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी। उन्होंने निर्देश दिये कि योजना को लागू करने के लिए ऐसा मैकेनिज्म बनाया जाए, जिससे राज्य कर्मचारी और पेंशनर्स अपना स्टेट हेल्थ कार्ड स्वयं डाउनलोड कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर सरकारी अथवा इम्पैनल्ड अस्पतालों में कैशलेस चिकित्सा का लाभ प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप एसईसीसी डाटा के आधार पर ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ आयुष्मान भारत के तहत गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये तक का चिकित्सा बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश के अन्त्योदय परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में 5 लाख रुपये का चिकित्सा बीमा कवर उपलब्ध कराया गया है। उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के पंजीकृत श्रमिकों को भी 05 लाख रुपये का चिकित्सा बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले कार्यकाल में ही सम्बन्धित विभाग को राज्य कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये थे। पं. दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के माध्यम से राज्य कर्मचारियों, पेंशनर्स तथा उनके आश्रितों को सरकारी चिकित्सा संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों एवं सरकारी चिकित्सालयों में बिना किसी वित्तीय सीमा के कैशलेस चिकित्सा सुविधा मिलेगी। साथ ही, आयुष्मान भारत योजना के तहत इम्पैनल्ड चिकित्सालयों में 5 लाख रुपये तक की कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। इन चिकित्सालयों में निर्धारित सीमा से अधिक का व्यय आने पर उसकी व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार अपने कार्मिकों को कार्मिक नहीं, परिवार का हिस्सा मानती है। इसी भाव के साथ प्रदेश सरकार राज्य कर्मचारियों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराती है।
राजकीय कर्मचारियों को भी इसी प्रकार का भाव आम जनता के प्रति रखना चाहिए, जिससे आम जनमानस को शासन की सुविधाओं का पूरा-पूरा लाभ प्राप्त हो सके। राज्य कर्मचारियों के परिश्रम का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश एक सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। उत्तर प्रदेश समृद्ध होगा, आर्थिक रूप से सुदृढ़ व सशक्त होगा, तो इसका लाभ राज्य के प्रत्येक निवासी के साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों को भी प्राप्त होगा।
योगी ने इस मौके पर कहा कि कोरोना महामारी एक वैश्विक चुनौती थी। इस दौरान देश की विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा कर्मचारियों को किये जाने वाले भुगतान में कटौती की गयी, किन्तु प्रदेश सरकार ने कोरोना काल खण्ड में भी कर्मचारियों से किसी प्रकार की कटौती नहीं की। साथ ही, वेतन तथा पेंशन आदि का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया। कोरोना काल खण्ड में भी प्रदेश सरकार ने बिना रुके, बिना डिगे, बिना झुके कार्य किया। इस दौरान राजकीय कर्मचारियों ने कोरोना संक्रमण की चुनौती का सामना करने में सराहनीय ढंग से कार्य किया। इस चुनौती के बाद हम सभी को मिलकर परिणाम देना होगा, जिससे प्रदेश आर्थिक समृद्धि के पथ पर तेजी से अग्रसर हो सके।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस मौके पर कहा कि मुख्यमंत्री ने सरकार गठन के बाद 100 दिन में कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये थे।
22 लाख कर्मचारियों, पेंशनर्स तथा उनके आश्रितों सहित कुल लगभग 75 लाख लोगों को लाभान्वित करना एक बड़ी चुनौती थी। पं0 दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के लागू होने से स्टेट हेल्थ कार्ड के माध्यम से राज्य कर्मचारियों, पेंशनर्स तथा उनके आश्रितों को सभी सरकारी अस्पतालों के साथ ही आयुष्मान भारत के तहत आबद्ध अस्पतालों में कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि यथाशीघ्र सभी कर्मचारी व पेंशनर्स का स्टेट हेल्थ कार्ड बनवाया जाए।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने पं दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के शुभारम्भ के लिए मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए स्टेट हेल्थ कार्ड का होना अनिवार्य है। कार्ड बनाने की सुविधा आज से प्रारम्भ हो गयी है। सभी राज्य कर्मचारी और पेंशनर्स जल्द से जल्द अपना स्टेट हेल्थ कार्ड बनवा लें, जिससे आवश्यकता पड़ने पर कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ प्राप्त किया जा सके।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि पं दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अन्तर्गत सरकारी चिकित्सा संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों एवं सरकारी चिकित्सालयों में बिना किसी वित्तीय सीमा के कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध चिकित्सालयों में 05 लाख रुपये तक की कैशलेस चिकित्सा मिलेगी।
चिकित्सा पर इससे अधिक व्यय आने पर उसकी प्रतिपूर्ति की जाएगी। योजना के अन्तर्गत राज्य कर्मचारियों, पेंशनर्स एवं उनके आश्रितों के स्टेट हेल्थ कार्ड जारी किये जाएंगे। इसके लिए वेब पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध होगी। लाभार्थी के ऑनलाइन आवेदन का सत्यापन आहरण-वितरण अधिकारी द्वारा किये जाने के बाद स्टेट हेल्थ कार्ड डाउनलोड अथवा प्रिन्ट किये जा सकेंगे।