जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र की राजनीतिक में जोरदार घमासान देखने को मिला है। शिवसेना के कुनबे के दरार पड़ गई और एकनाथ शिंदे ने बड़ी आसानी से उद्धव ठाकरे को सीएम पद से हटाकर खुद वहां के सीएम बन गए।
उन्होंने बगावती की ऐसी चाल चली कि उद्धव ठाकरे उसे समझ नहीं पाए और विधायकों को अपने पाले में करके बीजेपी से मिलकर खुद मुख्यमंत्री बनकर बैठ गए है। इतना ही नहीं उनकी पूरी नजर पूरी पार्टी यानी शिवसेना पर है।
शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ आवंटित करने की गुहार लगायी है। उन्होंने इसके लिए निर्वाचन आयोग को एक लेटर लिखा है।
उन्होंने अपने लेटर में कहा है कि असल शिवसेना होने का दावा किया है और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा दी गई मान्यता का हवाला दिया है।
दरअसल शिवसेना के 55 में से कम से कम 40 विधायकों ने बागी नेता शिंदे को समर्थन देने का एलान किया था। वहीं उद्धव ठाकरे धड़े ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिह्न पर दावों के लिए कोई भी निर्णय लेने से पहले उसके विचार को सुना जाय।
एकनाथ शिंदे की बगावत को लेकर शिवसेना में भी रार देखने को मिल रही है। शिवसेना सांसद विनायक राउत ने एकनाथ शिंदे को अपने निशाने पर लिया था ।
राउत ने कहा था कि एकनाथ शिंदे को मेरी वजह से विधायक का टिकट मिला। हालांकि उन्होंने कहा कि आज उन्हें इसका पछतावा है। विनायक राउत ने रत्नागिरी में मीडिया से बात करते हुए एकनाथ शिंदे की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि आखिर कैसे वो उनकी वजह से विधायक बने।