जुबिली स्पेशल डेस्क
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इन दिनों चर्चा में है। दरअसल योगी सरकार के कई मंत्री अपनी सरकार से खफा नजर आ रहे हैं। अब जानकारी मिल रही है कि योगी सरकार में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने अपना इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजा है।
हालांकि अभी इसको लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है। बीते कुछ दिनों से वो नाराज चल रहे थे। माना जा रहा था कि जलशक्ति मंत्रालय का राज्यमंत्री होने के बावजूद अधिकारी उनकी नहीं सुनते है।
दिनेश खटीक ने कई तबादलों की लिस्ट दी थी लेकिन अधिकारियों ने उनसे कैबिनेट मंत्री से बात करने के लिए कह दिया था। इसके बाद से उनकी नाराजगी इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि इस्तीफे तक की नौबत आ गई थी। इस इस्तीफे में दिनेश खटीक ने अधिकारियों पर तवज्जो न देने और दलितों का उचित मान-सम्मान न मिलने का आरोप लगाया है।
उनके इस्तीफे पर राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है। इस्तीफे की खबर पर अब विपक्ष के ओर से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पहली प्रतिक्रिया आ गई है। सपा प्रमुख ने इस्तीफे की खबर पर तंज कसते हुए ट्वीट करके कहा है कि “जहां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले. ऐसी भेदभावपूर्ण बीजेपी सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है. कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है।”
जहाँ मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है।
कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 20, 2022
अब देखना होगा कि दो और मंत्री जो सरकार से नाराज चल रहे वो अगला कदम क्या उठाते हैं। हालांकि योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि वो किसी भी तरह से भ्रष्टïाचार को बर्दाशत नहीं करेंगे।
मंत्री दिनेश खटीक ने आरोप लगाया है कि दलित होने की वजह से विभाग में उनकी सुनवाई नहीं होती है स। उन्हें किसी बैठक की सूचना भी नहीं दी जाती है , गृह मंत्री को लिखी चिट्ठी में कहा है कि मंत्री के अधिकार के तौर पर मुझे सिर्फ गाड़ी दे दी गई है। मंत्री ने ट्रांसफर के मामलों में भी बड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि मैंने अधिकारियों से जानकारी मांगी तो उन्हें अबतक जानकारी नहीं दी गई।