जुबिली स्पेशल रिपोर्ट
जानिये पीड्रियाटिक सर्जन और जनरल सर्जन में क्यों होता है अंतर?और पीरियोडिक सर्जरी जन्म से लेकर कितने साल तक के बच्चों में होती है।
डॉ दीपक कुमार कांडपाल पीड्रियाटिक सर्जन
अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशियलिटी हास्पीटल,लखनऊ
जन्मजात विकृति या पैदा होने के बाद किसी बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर कई बार सर्जरी जरूरी होती है। लेकिन माता-पिता सर्जरी का नाम सुनकर ही डर जाते है और ऐसा होना स्वाभाविक भी है। लेकिन इस बात की जानकारी होते हुए भी कि आपके बच्चे की सर्जरी को टालते रहना काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
एक बच्चा जन्म के समय कई दोषों के साथ पैदा हो सकता है। जीवन में उनमें से कई से निपटा जा सकता है। उनमें से कुछ बच्चों की जीवित रहने की संभावनाए कम हो जाती है। इसलिए जो विकृति आ गई है उसका इलाज तुरंत कराया जाए। सर्जरी की नई तकनीक और एक्सपर्ट पीड्रियाटिक सर्जन के कारण अब जन्मजात विकार पूरी तरह से ठीक हो जा रहे हैं। बस जरुरत है बिना घबराए सही समय पर सर्जरी करा लेने की।
यूट्यूब चैनल जुबली टीवी में’जुबिली हेल्थ लाइव विद् ओम दत्त के स्पेशल प्रोग्राम में’, लखनऊ के जानें मानें और अनुभवी पीड्रियाटिक सर्जन डॉ दीपक कुमार कांडपाल,ने जानकारी देते हुए कहा कि डॉ कांडपाल सो आइए जानते है, इस सर्जरी के बारें में कुछ जरूरी बातें…
पीड्रियाटिक सर्जन और जनरल सर्जन में क्या विशेष अंतर होता है? और क्या जनरल सर्जन शिशुओं में होने वाले जन्मजात विकार की सर्जरी नहां कर सकते हैं?
डॉ दीपक ने बताया कि, पीड्रियाटिक सर्जन की ट्रेनिंग भी जनरल सर्जन की तरह ही दी जाती है। पीड्रियाटिक सर्जन को पहले 3 साल तक एमएस जनरल सर्जन की ट्रेनिंग लेनी पड़ती है फिर स्पेसिफिक बीमारियां जो बच्चों में ही पाई जाती हैं। उनके लिये स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है जो बच्चों के बीमारी को दूर करने में सक्षम होता है। क्योंकि बड़ों की अपेक्षा बच्चों की शारीरिक क्षमता कम होती है,ऐसे में बच्चों के लिए पीड्रियाटिक सर्जन ही ट्रेंड होते हैं। जबकि जनरल सर्जन बच्चों में उतनी कुशलता से सर्जरी नहीं कर सकते हैं।
बच्चों में पीड्रियाटिक सर्जरी जन्म से लेकर कितने साल तक हो सकती है?
डॉ दीपक का कहना है कि जन्म से लेकर 16 वर्ष की अवस्था तक, होने वाली बीमारियां या विकार की पीड्रियाटिक सर्जरी होती हैं। कुछ बीमारियों का पता गर्भ के दौरान ही चल जाता है, इसलिए गर्भ से ही इलाज की प्रक्रिया की जा सकती है। जांच के दौरान विकार के बारें में पता चल जाता है तो माता- पिता को इसके बारें बताया जाता है कि ये कितना खतरनार्क है इसमें आगे क्या किया जा सकता है। दूसरा विकार उन बच्चों में होता है, जो जन्मजात या फिर जन्म के बाद भी कोई विकार होता है और उनको सर्जरी की जरूरत हो सकती है।
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