Friday - 25 October 2024 - 6:57 PM

उत्तर प्रदेश समेत इन राज्यों में भी नहीं बढ़ रही बच्चों की लंबाई, इसके पीछे है ये बड़ी वजह

जुबिली न्यूज डेस्क

आज के दौर में बच्चे की लंबाई एक बड़ी समस्या हो गई है। बच्चों की लंबाई बहुत ही धीमी गति से बढ़ रही है जो कि एक चिंता का विषय बन गया है। देश के कई ऐसे राज्य हैं, जहां पर बच्चों की लंबाई अपनी उम्र के हिसाब नहीं बढ़ पा रही है। इन राज्यों में पांच साल से कम उम्र के बच्चे न सिर्फ बौने हो रहे हैं, बल्कि उनके अंदर और भी तमाम तरीके की दिक्कतें इस वजह से आ सकती हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी हुआ है। केरल से लेकर हिमाचल प्रदेश और गोवा से लेकर आंध्र प्रदेश समेत कई राज्य ऐसे हैं जो तमाम कोशिशों के बाद भी अपने राज्य में होने वाले  बौनेपन को दूर नहीं कर पा रहे हैं। इसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है।

लगभग इतने प्रतिशत बच्चे बौनेपन का शिकार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 2015-16 में जारी हुए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे चार और 2019-21 में जारी हुए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में कुल मिला कर देश में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में बौनेपन की समस्या तो कम हुई है, लेकिन देश के कई राज्य अभी भी इस मामले में बहुत पिछड़े हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2015-16 में जारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक देश में पांच साल से कम उम्र के 43.8 फीसदी बच्चे बौनेपन का शिकार थे। जबकि उसके 5 साल बाद जारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रतिशत 40.9 के करीब पहुंच गया।

 

बता दे कि  देश में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में बौनेपन की समस्या कम तो हुई, लेकिन देश के कई राज्य राष्ट्रीय औसत आंकड़े से अलग चलते रहे।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पूरे देश में केरल एक ऐसा राज्य है, जहां पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में बौनेपन की समस्या बीते पांच सालों में सबसे ज्यादा बढ़ी है। आंकड़ों के मुताबिक 2014-15 की नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि केरल में 5 साल से कम उम्र के 23.9 फीसदी बच्चे ही बौनेपन के शिकार थे। जबकि 2019-21 की नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे पांच की रिपोर्ट में यह आंकड़ा तकरीबन 13 फीसदी से बढ़कर 36.9 फीसदी पर पहुंच गया है। यानी कि केरल में पांच साल के भीतर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में बौनेपन की समस्या बढ़ी है।

उत्तर पूर्व से लेकर इन राज्यों में बढ़ रहा बौनापन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त पूरे देश में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के बच्चे बौनेपन का शिकार हो रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक चौथे नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट बताती थी कि उस वक्त भी पूरे देश में सबसे ज्यादा बौने बच्चे उत्तर प्रदेश में ही पाए जा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पांच साल से कम उम्र के 50.9 फ़ीसदी यानी आधे से ज्यादा बच्चे बेहतर खानपान और पौष्टिकता की कमी के चलते अपनी उम्र के मुताबिक लंबाई नहीं पा रहे थे। हाल में जारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में बौनेपन की पूरे देश भर के राज्यों की रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर खड़ा है। हालांकि इसमें डेढ़ फीसदी का सुधार तो हुआ है, लेकिन अभी भी 49.2 फ़ीसदी बच्चे पांच साल से कम उम्र के बौनेपन का शिकार हो रहे हैं।

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जानें इसके पीछे क्या है वजह

बता दे कि उम्र के हिसाब से जिन बच्चों की लंबाई नहीं बढ़ती है उन्हें बौनेपन की श्रेणी में रखा जाता है। बच्चों में बौनापन बेहतर खानपान की कमी और पौष्टिक भोजन के अभाव के चलते होती है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक बच्चों में इस तरीके की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए देशभर में न सिर्फ विशेष अभियान चलाए जाते हैं बल्कि बेहतर खानपान और पौष्टिक भोजन की पूरी व्यवस्था की जाती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यही वजह है कि पूरे देश में कुल मिला कर बच्चों में बौनेपन की समस्या में कमी हुई है। वह कहते हैं कि धीरे-धीरे यह समस्या और कम होती जाएगी।

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