जुबिली स्पशेल डेस्क
मुंबई। महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक जारी है क्योंकि वहां पर शिवसेना में ही बगावत हो गई है। कहा तो ये जा रही है कि इस बगावत की वजह से शिवसेना , कांग्रेस और एनसीपी की सरकार किसी भी वक्त गिर सकती है जबकि बीजेपी से फिर से सत्ता में आने का सपना देखने लगी है। दूसरी ओर महाराष्ट्र विधानसभा में गुरुवार को फ्लोर टेस्ट करने के राज्यपाल के आदेश को शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु की ओर से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश के खिलाफ अर्जी दाखिल की गई है। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई शाम पांच में हो सकती है।
वहीं कोर्ट ने तीन बजे तक सभी पक्षों को अर्जी की कॉपी सौंपने को बोला है। शिवसेना की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पक्ष रखेंगे।
फ्लोर टेस्ट के आदेश का विरोध करते हुए संजय राउत ने कहा कि यह फैसला असंवैधानिक है और इसके जरिए नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।संजय राउत ने कहा, ‘अभी तो 16 विधायकों की अयोग्यता का ही मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसे में उससे पहले फ्लोर टेस्ट का आदेश देना गलत है और पूरी तरह से असंवैधानिक है।
उन्होंने कहा कि भाजपा गवर्नर हाउस से राजनीति करवा रही है।’ इस बीच एकनाथ शिंदे गुट ने भी कल फ्लोर टेस्ट के लिए मुंबई पहुंचने का ऐलान किया है।
हालांकि इससे पहले सभी विधायकों के आज गोवा के ही ताज होटल में ठहरने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि इसके पीछे यह रणनीति है कि ऐन मौके पर ही विधायक पहुंचें ताकि उन्हें तोड़ा ना जा सके।
इससे पहले कल शिंदे गुट के खिलाफ उद्धव ठाकरे का बड़ा एक्शन, 9 बागी मंत्रियों के विभाग छीन लिए है और इशारों में ही कड़ा संदेश भी दे डाला है। इस बीच, डिप्टी स्पीकर की अयोग्यता नोटिस को लेकर शिंदे खेमे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
डिप्टी स्पीकर की ओर से जारी अयोग्यता नोटिस और अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाए जाने को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दायर की गई हैं।मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी संदेश में कहा गया है, ”महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया ताकि जनहित के मुद्दों की उपेक्षा या अनदेखी न हो।”