जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। उद्धव ठाकरे की सरकार ज्यादा दिन की मेहमान नहीं है। ऐसे इसलिए कहा जा रहा है कि शिवसेना के बागी विधायक भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बना सकते हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे की सरकार दो से चार दिन में गिर सकती है।
उधर शिवसेना के बागी विधायकों से मिल रही जानकारी के अनुसार शिंदे और बीजेपी कैंप में समझौता हो गया है और दोनों मिलकर सरकार बनाने की तैयारी में है।
हालांकि ये भी बड़ा सवाल है कि नई सरकार में एकनाथ शिंदे को क्या जिम्मा दिया जायेगा। एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम के पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं। एकनाथ शिंदे ने बागी विधायकों संग 12 बजे मीटिंग करने की तैयारी में हैं। माना जा रहा है कि ये मीटिंग गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में ही होगी।
हालांकि ये इतना आसान भी नहीं है क्योंकि बीजेपी इतनी आसानी से नहीं मानेंगी। एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम का पद से कम नहीं लेंगे ये भी तय है। हालांकि बीजेपी इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं कर सकी है।
अगर बीजेपी संग बागी विधायक सरकार बनाते हैं तो शिंदे गुट के विधायकों में से 8 को कैबिनेट मंत्री और 5 को एमओएस का दर्ज दे सकते हैं जबकि 29 कैबिनेट मंत्री बीजेपी से हो सकते हैं।
हालांकि ये सिर्फ अभी कयास लगाये जा रहे हैं। एकनाथ शिंदे ये भी चाहते है कि नई सरकार में निर्दलीय विधायक बागी गुट के साथ आए हैं उनको भी मंत्री बनाया जाये और बीजेपी इन्हें अपने कोटे से मंत्री बनाये। अब देखना होगा कि इस पर अगला कदम बीजेपी क्या उठाती है।
इससे पहले कल शिंदे गुट के खिलाफ उद्धव ठाकरे का बड़ा एक्शन, 9 बागी मंत्रियों के विभाग छीन लिए है और इशारों में ही कड़ा संदेश भी दे डाला है। इस बीच, डिप्टी स्पीकर की अयोग्यता नोटिस को लेकर शिंदे खेमे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
डिप्टी स्पीकर की ओर से जारी अयोग्यता नोटिस और अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाए जाने को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दायर की गई हैं।मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी संदेश में कहा गया है, ”महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया ताकि जनहित के मुद्दों की उपेक्षा या अनदेखी न हो।”