जुबिली स्पेशल डेस्क
इस्लामाबाद। लगभग तीन साल के बाद पाकिस्तान को अब महसूस हो गया है कि उसे भारत के साथ दोस्ती रखना ही उसके लिए भलाई है। 2019 के बाद से दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध नहीं रहे हैं और कई मौकों पर भारत-पाक के बीच तनाव देखने को मिला है।
भारत ने उरी की घटना के बाद से ही पाकिस्तान से अपने सारे रिश्ते तोड़ दिए थे और उसे अलग थलग करना शुरू कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इतना ही नहीं पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। अब पाकिस्तान को लगता है उसे इंडिया के साथ दोस्ती रखनी चाहिए क्योंकि इसी में उसकी भलाई है।
इस बात को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी समझ गए है और उन्होंने अब भारत के साथ संबंध बनाने के लिए खुले तौर पर इजहार कर रहे है। बिलावल भुट्टो-जरदारी ने भारत के साथ संबंध बहाली को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि नई दिल्ली के साथ संबंध तोडऩा देश हित में नहीं होगा क्योंकि इस्लामाबाद पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग है।
कश्मीर मुद्दे पर बिलावल ने कहा कि यह मुद्दा ‘‘विदेश मंत्री बनने के बाद से मेरी किसी भी बातचीत का आधार बिंदु बन गया है.’’ भारत के साथ संबंध बहाली का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मई में, हमारे पास परिसीमन आयोग था (जम्मू-कश्मीर में) और फिर हाल में पदाधिकारियों की ‘इस्लामोफोबिया’ वाली टिप्पणी एक ऐसा माहौल बनाती है, जिसमें पाकिस्तान के लिए जुड़ाव असंभव नहीं, हालांकि, बहुत मुश्किल है।’
बिलावल ने थिंक टैंक कार्यक्रम में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या भारत के साथ संबंध तोड़ने से पाकिस्तान के हितों की पूर्ति हो रही है, चाहे वह कश्मीर पर हो, चाहे वह बढ़ते इस्लामाफोबिया पर हो या भारत में हिंदुत्व की विचारधारा पर जोर देना हो.