जुबिली स्पेशल डेस्क
लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को लेकर बड़ी खबर आ रही है। दरअसल उनकी हालत बेहद नाजुक बतायी जा रही है। इतना ही नहीं उनके परिवार के उनकी सेहत को बड़ा अपडेट दिया है। परिवार की तरफ से कहा गया है कि उन्हें अब वेंटिलेटर सपोर्ट से हटा दिया गया है. उनका रिकवरी करना अब मुश्किल है।
परवेज मुशर्रफ के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से उनके परिवार ने जानकारी दी कि वह अब वेंटिलेटर पर नहीं हैं। अपनी बीमारी एमाइलॉयडोसिस के कारण पिछले 3 हफ्ते से अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी हालत गंभीर है।
उनका रिकवरी कर पाना मुश्किल है। उनके अंग खराब हो रहे हैं। उनके लिए दुआ करें। इससे पहले पाकिस्तानी मीडिया ने उनकी मौत की अफवाह उड़ा दी थी। टीवी चैनल जीएनएन का दावा है कि परवेज मुशर्रफ को दिल और अन्य बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उन्हें दुबई में वेंटिलेटर पर रखा गया था। बीमारी से लड़ते हुए शुक्रवार को उनका निधन हो गया।
पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार एक तानाशाह को संविधान रद्द करने के लिए मौत की सजा मिली है। जी हां, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य शासक परवेज मुसर्रफ को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी ।
पेशावर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को ये सजा सुनाई थी । हालांकि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ दुबई में थे।
गौरतलब है कि 3 नवंबर, 2007 को पाकिस्तान में इमरजेंसी लगाने के जुर्म में परवेज मुशर्रफ पर दिसंबर 2013 में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुशर्रफ को 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराया गया था।
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) में एक याचिका दायर कर इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत के समक्ष मुकदमे की लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया था। उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला है।
डॉन न्यूज के अनुसार वकीलों- ख्वाजा अहमद तारिक रहीम और अजहर सिद्दीकी की ओर से दायर याचिका में एलएचसी से विशेष अदालत में कार्यवाही बढ़ाने पर तब तक रोक लगाने के लिए कहा गया जब तक कि एलएचसी की ओर से मुशर्रफ की पूर्व की लंबित याचिका पर फैसला नहीं हो जाता।