जुबिली स्पेशल डेस्क
दिल्ली की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक (Yasin Malik) को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने माना है कि मलिक ने ‘आजादी’ के नाम जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनिया भर में एक नेटवर्क स्थापित कर लिया था।
यासीन मलिक पर यूएपीए की धारा
एनआईए की विशेष अदालत ने यासीन मलिक के खिलाफ यूएपीए की धारा-16 (आतंकवादी गतिविधि में शामिल होना), धारा-17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाना), धारा-18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचना ), धारा-20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होना) और आईपीसी की धारा 120 बी यानी आपराधिक साजिश रचना, 124 ए यानी देशद्रोह समेत अन्य धाराओं में आरोप तय किए थे
कौन है यासीन मलिक
3 अप्रैल, 1963 को श्रीनगर के मैसूमा इलाके में जन्मा यासिन मलिक कश्मीर में एक प्रमुख अलगाववादी नेता रहा है। यासीन मलिक को इससे पहले कई बार नजरबंद किया जा चुका है। यासीन कश्मीर को भारत और पाकिस्तान से अलग करने की वकालत करता है। दिल की बीमारी से पीड़ित यासीन मलिक पिछले 35 साल से भारत विरोधी आंदोलन में सक्रिय है।
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2009 में यासीन मलिक पाकिस्तान की मुशहाल हुसैन के साथ वैवाहिक बंधन में बंधा। यासीन मलिक की एक बेटी है। मलिक की पत्नी लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पढ़ाई कर चुकी हैं।
मकबूल भट्ट को मानता है हीरो
कश्मीर का ये अलगाववादी नेता JKLF का को-फाउंडर मकबूल भट्ट को अपना हीरो मानता है। बता दें कि मकबूल भट्ट को 1984 में फांसी पर चढ़ा दिया गया था।
क्या है JKLF
JKLF का गठन बर्मिंघम में 1977 में हुआ। अमानउल्लाह खां और मकबूल भट ने इसे बनाया। JKLF के मुताबिक उन्हें न पाकिस्तान में जाना और न इंडिया में। उन्हें बस आजाद कश्मीर चाहिए। भारत में JKLF का मुखिया अलगाववादी नेता यासीन मलिक है।
कब-कब चर्चा में रहा यासीन
- यासीन मलिक के अनुसार, 1980 में सेना और टैक्सी चालकों के बीच एक विवाद को देखने के बाद उसने विद्रोही बनने का फैसला ले लिया तब यासीन ने ताल पार्टी बनाई
- यासीन की ताल पार्टी शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में 1983 में वेस्टइंडीज के साथ क्रिकेट मैच को बाधित करने के प्रयास में शामिल था
- ताल पार्टी ने श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सभाओं में खलल डालने और मकबूल भट की फांसी का विरोध करने का भी काम किया। इस पूरे विवाद के बाद मलिक को 4 महीने के लिए गिरफ्तार किया गया
- 1986 में ताल पार्टी का नाम बदलकर इस्लामिक स्टूडेंट्स लीग (आईएसएल) कर दिया गया और यासीन मलिक इसका महासचिव बना
- 1987 में विधानसभा चुनावों के लिए, यासीन मलिक के नेतृत्व में इस्लामिक स्टूडेंट लीग मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट (MUF) में शामिल हो गया
- यासीन मलिक 1988 में JKLF से जुड़ा। तब वो श्री प्रताप कॉलेज में पढ़ाई करता था
- यासीन मलिक 1988 में दूसरे युवाओं के साथ सशस्त्र प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान गया और वापसी पर भारत विरोधी सशस्त्र समूह जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का प्रमुख बन गया
- 1990 में हिंदुओं का कत्लेआम कर उन्हें कश्मीर से बेदखल करने के आंदोलन में यासीन जैसे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही
- यासीन मलिक 1999 और 2002 तक जेल में रहा। 2002 में तो उसे पोटा के तहत गिरफ्तार किया गया था। उसपर पाकिस्तानी आतंकियों के साथ संबंध रखने के आरोप लगते रहे हैं
- यासीन 1994 में सशस्त्र संघर्ष का रास्ता छोड़ कर शांतिपूर्ण राजनीतिक संघर्ष का नारा दिया और लिबरेशन फ्रंट को एक राजनीतिक दल के रूप में पेश किया
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