Monday - 4 November 2024 - 7:37 AM

बीएफआई-साई ने निकहत, परवीन और मनीषा को सम्मानित किया

इस कार्यक्रम में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह और साई डीजी संदीप प्रधान सहित अन्य आला अधिकारी शरीक हुए

नई दिल्ली.  भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने मंगलवार को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 12वीं आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के तीनों पदक विजेताओं को सम्मानित किया। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की।

तुर्की के शहर इस्तांबुल में आयोजित इस प्रतिष्ठित वैश्विक टूर्नामेंट में भारत ने एक स्वर्ण और दो कांस्य पदक जीता और तुर्की (48 अंक) और आयरलैंड (23 अंक) के बाद 23 अंकों के साथ टीम रैंकिंग में तीसरा स्थान हासिल किया। तुर्की पहले और आयरलैंड दूसरे स्थान पर रहा।

सम्मान समारोह में खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने पदक विजेताओं को बधाई दी और कहा कि हमें वर्तमान उपलब्धियों का जश्न मनाना चाहिए लेकिन अगली चैंपियनशिप के लिए हमेशा लक्ष्य साधे रखना चाहिए।

खेल मंत्री ने कहा, “हमारी बेटियों ने हमें गौरवान्वित किया है। एक समय था जब माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के बारे में बोलते थे और अब यह फल दे रहा है। निकहत ने कहा कि वह रुकना नहीं चाहती; वह और मेडल जीतना चाहती है। हमें आप सभी के इस जुनून और समर्पण की जरूरत है। हमें आगे बढ़ते रहना है। आप जमीनी स्तर के एथलीटों के लिए प्रेरणा हैं। टॉप्स (TOPS) योजना ने सुनिश्चित किया है कि सभी को सुविधाएं मिले। हमने आज जो हासिल किया है उसका जश्न मनाना चाहिए लेकिन हमेशा अगली बड़ी चैंपियनशिप के लिए लक्ष्य रखना चाहिए। आइए 2024 में भारत के लिए और पदक लाएं।”

इस अवसर पर बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह, महासचिव हेमंत कालिता, कोषाध्यक्ष दिग्विजय सिंह, उपाध्यक्ष देबोजो महर्षि और साई डीजी संदीप प्रधान भी उपस्थित थे। इन सबने मुक्केबाजों के साथ बातचीत की और उन्हें पदक जीतने पर बधाई दी।

बीएफआई प्रमुख अजय सिंह ने कहा, “यह वास्तव में बहुत अच्छा है कि आपने विश्व चैंपियनशिप में इतना शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन यह वह जगह नहीं है, जहां हमें रुकना है। हमारे पास यह पूरी कवायद ओलंपिक को लेकर है जो सिर्फ दो साल दूर है।”

बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने सभी तरह के समर्थन औऱ सहयोग के लिए खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण का धन्यवाद किया।

दुनिया के सबसे बड़े मुक्केबाजी टूर्नामेंट में अपना पहला पदक जीतकर निकहत ज़रीन (52 किग्रा) स्वर्ण जीतने वाली देश की मात्र पांचवीं महिला बनीं, जबकि मनीषा (57 किग्रा) और परवीन (63 किग्रा) ने पिछले सप्ताह इस्तांबुल में संपन्न इस आयोजन में कांस्य पदक जीता।

इस अवसर पर निकहत ने कहा, “मैं आज हमें सम्मानित करने और प्रोत्साहित करने के लिए सभी को धन्यवाद देती हूं। मैं वादा करती हूं, मैं कड़ी मेहनत करती रहूंगी और भविष्य में भी अपने देश को गौरवान्वित करूंगी। अब विश्व चैंपियन बन गई हूं और ऊपर वाले की कृपा से मुझे उम्मीद है कि मैं ओलंपिक चैंपियन के रूप में आपके सामने खड़ी रहूंगी। ”

निकहत से पहले केवल छह बार की चैम्पियन एमसी मैरी कॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) और लेख केसी (2006) ने भारत के लिए विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता था।

महिला विश्व चैंपियनशिप का इस्तांबुल संस्करण इस चैम्पियनशिप की 20वीं वर्षगांठ के रूप में मनाई गई। भारतीय टीम ने इस्तांबुल में तीन पदक जीते, जिससे उसके द्वारा जीते गए कुल पदकों की संख्या 39 हो गई। रूस के 60 और चीन के 50 पदकों के बाद भारत तीसरे स्थान पर है।

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